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Narendra Modi Biography :नरेंद्र मोदी का जीवन परिचय

Shiv Kumar Mishra
27 March 2023 4:44 PM IST
Narendra Modi Biography :नरेंद्र मोदी का जीवन परिचय
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Biography of Narendra Modi

नरेंद्र भाई दामोदर दास मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को हुआ था। उनका जन्म बड़नगर के एक गुजराती परिवार में हुआ था। नरेंद्र मोदी का जन्म तत्कालीन मुंबई राज्य के मेहसाणा जिला डिस्ट्रिक्ट नगर ग्राम में हीराबेन मोदी और दामोदरदास मूलचंद मोदी के एक मध्यमवर्गीय परिवार में 17 सितंबर 1950 को हुआ था। वह अपने मां-बाप के 6 बच्चों में से तीसरे नंबर पर पैदा हुए थे। मोदी का परिवार 'मोध-घांची-तेली' समुदाय से आता है। जिसे भारत सरकार द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग के रूप में माना जाता है। मोदी पूर्णता शाकाहारी हैं। भारत-पाकिस्तान के बीच द्वितीय युद्ध के दौरान अपने तरुण काल में उन्होंने शिक्षा के रेलवे स्टेशनों पर सफर कर रहे सैनिकों की सेवा की थी।

युवावस्था में वह छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल हुए थे। उन्होंने साथ ही साथ भ्रष्टाचार विरोधी नवनिर्माण आंदोलन में भी हिस्सा लिया था पूर्णकालिक आयोजक के रूप में कार्य करने के बाद बीजेपी ने संगठन का प्रश्न किया था किशोरावस्था में अपने भाई के साथ चाय की दुकान चला चुके मोदी ने अपनी स्कूली शिक्षा बडनगर से ही पूरी की थी। आरएसएस के प्रचारक रहते हुए 1980 में गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर परीक्षा दी और विज्ञान स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। अपने माता-पिता की कुल 6 संतानों में तीसरे पुत्र नरेंद्र मोदी ने बाल्यकाल में रेलवे स्टेशन पर इतने में अपने पिताजी की चाय बेचने में मदद की थी बड़नगर के लिए कि स्कूल मास्टर के अनुसार नरेंद्र मोदी एक औसत दर्जे के छात्र थे। लेकिन बाद विवाद प्रतियोगिता में उनकी बेहद रूचि रहती थी 13 वर्ष की आयु में नरेंद्र की सगाई जशोदाबेन चमनलाल के साथ कर दी गई थी तब वे मात्र 17 साल के थे, बाद में कुछ दिन साथ रहने के बाद मोदी और जसोदा बेन के अलग अलग रास्ते हो गए।

मोदी ने अपने बचपन में चाय बेचने में अपने पिता की मदद की थी और बाद में अपना खुद का स्टाल चलाया था। 8 वर्ष की आयु में भी आने से जुड़ गए थे जिसके साथ एक लंबे समय तक वह जुड़े रहे स्नातक होने के बाद उन्होंने अपना घर छोड़ दिया था मोदी ने 2 साल तक भारत भर में घूम-घूम कर यात्राएं की और अनिल को धार्मिक केंद्रों का दौरा किया। 1969 या समथिंग 1970 में भी गुजरात लौटे और उसके बाद अहमदाबाद चले गए 1971 में भारत के पूर्णकालिक कार्यकर्ता बन गये। 1975 में जब भारतवर्ष में आपातकाल की स्थिति आई तो उन्हें कुछ दिनों के लिए अज्ञातवास व्यतीत करना पड़ा। 1985 में भी भारतीय जनता पार्टी से जुड़े और 2001 तक पार्टी पदानुक्रम के मुताबिक कई पदों पर काम करने का अनुभव करते रहे जहां पर वे धीरे-धीरे भाजपा में सचिव के पद पर पहुंच गए थे।

2001 मैं एक गुजरात राज्य के भुज में भूकंप आने के बाद उत्पन्न हुई स्तिथि में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल के असफल स्वास्थ्य और खराब छवि के कारण नरेंद्र मोदी को 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर नियुक्त किया गया। नरेंद्र मोदी शीघ्र ही विदाई विधानसभा के लिए चुने गए। 2002 के गुजरात दंगों में उनके कठोर प्रशासन को देखते हुए उसके संचालन को लेकर उनकी तीखी आलोचना भी हुई थी। हालांकि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल (एसआईटी) को अभियोजन पक्ष की कार्यवाही आरंभ करने के लिए कोई सबूत नहीं मिला। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उनकी नीतियों को आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने का श्रेय दिया गया 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने इसी गुजरात मॉडल को प्रारूप बनाकर लोकसभा चुनाव लड़ा था।

नरेंद्र मोदी गुजरात के चौथ में मुख्यमंत्री राय उनके अच्छे कामों की सराहना के चलते गुजरात की जनता ने लगातार उन्हें 2001 से लेकर 2014 तक 4 बार मुख्यमंत्री के रूप में चुना था। गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त नरेंद्र मोदी की पहचान विकास पुरुष के रूप में गुजरात में जानी जाती है। वर्तमान समय में देश के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक हैं टाइम पत्रिका ने मोदी को पर्सन ऑफ द ईयर 2013 के 42 उम्मीदवारों की सूची में शामिल किया है अटल बिहारी वाजपेई की तरह नरेंद्र मोदी एक राजनेता के साथ-साथ एक कवि भी हैं गुजराती भाषा के अलावा हिंदी में भी देश प्रेम से उत्सव कविताएं लिखते रहते हैं।

उनके नेतृत्व में भारत की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा और 282 सीटें जीत कर अभूतपूर्व सफलता हासिल की थी। नरेंद्र मोदी ने अपना पहला सांसद का चुनाव गुजरात और उत्तर प्रदेश की काशी नगरी यानी वाराणसी से और गुजरात की बड़ोदरा लोकसभा सीट से लड़ा उनकी दोनों जगह बड़े बहुमत से जीत हुई थी। लेकिन उन्होंने बड़ोदरा से इस्तीफा दे दिया था और उसके बाद उन्होंने वाराणसी की सीट अपने पास रखी थी और 2019 का चुनाव भी उन्होंने वाराणसी लोकसभा सीट से ही लड़ा । नरेंद्र मोदी के राज में भारत का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश एवं बुनियादी सुविधाओं पर खर्च तेजी से बड़ा उन्होंने अफसरशाही में कई सुधार किए योजना आयोग का नाम बदलकर नीति आयोग का गठन किया।

इसके इसके बाद 2019 का लोकसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी ने उनके नेतृत्व में दोबारा लड़ा और इस बार पहले से भी अभूतपूर्व सफलता हासिल हुई। बीजेपी ने कुल 303 सीटों पर सफलता हासिल की और भाजपा के समर्थक दलों यानी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को 352 सीटें मिली। 30 मई 2019 को शपथ ग्रहण करके नरेंद्र मोदी दूसरी बार भारत के प्रधानमंत्री बने। 2019 के आम चुनाव में उनकी पार्टी की जीत के बाद उनकी सरकार ने सबसे पहले जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा रद्द किया। नरेंद्र मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 भी पेश किया जिसके विरोध में देशभर में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए मोदी अपने हिंदू राष्ट्रवादी विश्वासों और 2002 के गुजरात दंगों के दौरान अपनी कथित भूमिका पर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्थान अपनी एक विशेष पहचान बनाए हुए हैं।

अब आने वाले समय में एक बार फिर उनकी परीक्षा होगी जब लोकसभा का चुनाव 2024 उनके नेतृत्व में लड़ने के लिए भारतीय जनता पार्टी फिर से तैयार है। अब तक 2014 के बाद हुए चुनावों में बीजेपी ने एक सर्वाधिक चुनाव जीतने का रिकार्ड भी कायम किया है। उत्तराखंड और यूपी सरीखे राज्यों में दुबारा सरकार बनाकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। अभी हाल में पूर्वोत्तर की तीन राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की। उससे गुजरात विधानसभा चुनाव में सर्वाधिक सीटें जीतने का रिकार्ड भी कायम करते हुए सातवीं बार सरकार बनाई है।

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