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चिराग पासवान को कंट्रोल करने के लिए बीजेपी खेलेगी बड़ा दांव! पशुपति पारस बनाए जा सकते हैं राज्यपाल!

Special Coverage News
8 Sept 2024 12:11 PM IST
चिराग पासवान को कंट्रोल करने के लिए बीजेपी खेलेगी बड़ा दांव! पशुपति पारस बनाए जा सकते हैं राज्यपाल!
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मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि चिराग को काबू में करने के लिए भाजपा उनके चाचा पशुपति पारस को कोई बड़ा पद दे सकती है.

नई दिल्ली : मोदी सरकार 3.0 में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान लगातार सरकार के कई महत्वपूर्ण फैसलों पर सवाल खड़ा कर चुके हैं और बीते कुछ समय से वे ऐसे बयान दे रहे हैं, जो भाजपा के लिए परेशानियां खड़ी कर रहे हैं. अब मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि चिराग को काबू में करने के लिए भाजपा उनके चाचा पशुपति पारस को कोई बड़ा पद दे सकती है.

ऐसे में चिराग के बयानों को देखते हुए अब बीजेपी उन पर लगाम लगाने की तैयारी में है और उनके चाचा पशुपति पारस को अब एक बार फिर से एनडीए में तरजीह दी जा सकती है. माना जा रहा है कि पशुपति पारस, जो पिछले कुछ महीनो से राजनीति में हाशिए पर पड़े हैं उन्हें जल्द ही किसी राज्य का राज्यपाल या फिर किसी महत्वपूर्ण केंद्रीय बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है.

भाजपा कि रणनीति है कि पशुपति पारस को चिराग जितना बड़ा पद मिल जाएगा, तो चिराग कंट्रोल में आ सकते हैं. पशुपति का कद बढ़ाकर भाजपा ये संदेश देना चाहती है कि चिराग सरकार के अहम फैसलों की खिलाफत न करें, वरना उनके पास दूसरा विकल्प भी है.

चिराग ने किन फैसलों की खिलाफत की?

पिछले कुछ दिनों में चिराग पासवान ने केंद्र सरकार से अलग स्टैंड लिया है. पहले वक्फ बिल और फिर लैटरल एंट्री का विरोध किया. इसके अलावा, चिराग ने सुप्रीत कोर्ट के उस फैसले का भी विरोध किया, जिसमें SC और ST कोटा में सब कैटिगरी और क्रीमी लेयर बनाने की बात कही गई थी. इसके बाद से ही ये मैसेज गया कि चिराग गठबंधन की सरकार में अपने तेवर दिखा रहे हैं. उनके इन बयानों के बाद INDIA गठबंधन में जाने के कयास भी लगे थे.

पशुपति पारस को धैर्य का इनाम मिल सकता है!

गौरतलब है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में NDA ने पशुपति पारस को एक भी सीट नहीं दी थी. इस पर पशुपति पारस नाराज भी हुए लेकिन वे NDA में बने रहे. अब पशुपति पारस को उनके धैर्य का इनाम मिल सकता है. हाल में पशुपति पारस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी, इसके बाद से ही उन्हें बड़ा पद मिलने के कयास तेज हो गए हैं.

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