नारी शक्ति वंदन अधिनियम के मसौदे पर चौतरफा घिरी भाजपा सरकार, पार्टी में खिलाफत के सुर!
नारी शक्ति वंदन अधिनियम (महिला आरक्षण बिल) में O.B.C., S.C., S.T. के लिए आरक्षण पर घमासान मचा हुआ है। I.N.D.I.A. के दल भाजपा को पिछड़ा विरोधी करार दे रहे हैं। यह बात यहीं तक सीमित नहीं, अब तो खुद भाजपा के ही कई कद्दावर नेता खुलकर बिल में संशोधन की मांग करने लगे हैं।
बहुचर्चित नेत्री उमा भारती ने सोशल मीडिया ऐप X पर लिखा "...जब तक यह विधेयक लागू नहीं होता तब तक ओबीसी आरक्षण के संशोधन के लिए दृढ़निश्चयी बने रहेंगे।..." उमा यहीं नहीं रुकी उन्होंने आगे लिखा "यह आरक्षण संविधान में विशेष संशोधन हैं तो देश की 60 % आबादी ओबीसी के लिए एक संशोधन और किया जा सकता है। हम सभी अपनी तपस्या एवं मोदी जी पर अपना विश्वास बनाये रखे।"
उमा भारती के इस पोस्ट के बाद राजनीति और गर्मा उठी है। चूंकि उमा भारती मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं और सिर्फ प्रदेश ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में उनका बड़ा कद है इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि उमा भारती के ऐसे बयानों से भाजपा को आगामी विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है।
सवाल कई हैं पर शायद कोई ठोस जवाब नहीं!
भाजपा का महिला आरक्षण बिल में O.B.C. आरक्षण को लेकर क्या स्टैंड है?
यदि भाजपा इसके पक्ष में है तो अभी संशोधन क्यों नहीं?
यदि भाजपा इसके विरोध में है तो खुलकर बयान सामने क्यों नहीं आ रहे?
जनता को इन सवालों के जवाब का इंतजार है!