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लखनऊ : PFI बैन को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व राज्यसभा सांसद दुष्यंत कुमार गौतम का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय स्वागत योग्य है. यशस्वी प्रधानमंत्री आदरणीय पीएम मोदी जी एवं गृह मंत्री आदरणीय अमित शाह जी का बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद।
PFI पर 5 साल का बैन
केंद्र की मोदी सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को बैन कर दिया है. इतना ही पीएफआई के 8 सहयोगी सगठनों पर 5 साल के लिए प्रतिबंध लगाया गया है. दो दौर की देशव्यापी छापेमारी और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के 240 से अधिक नेताओं और पदाधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद, केंद्र ने कल शाम संगठन पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है. एक सरकारी अधिसूचना में कहा गया है कि पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों या मोर्चों को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत तत्काल प्रभाव से "गैरकानूनी संघ" घोषित किया गया है.
गृह मंत्रालय ने पीएफआई को 5 साल के लिए प्रतिबंधित संगठन घोषित किया. पीएफआई के अलावा 8 सहयोगी संगठनों पर भी कार्रवाई की गई है. PFI के अलावा रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO), नेशनल वीमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल जैसे सहयोगी संगठनों पर भी बैन लगाया गया है.
जांच में पता चला है कि रिहैब इंडिया फाउंडेशन, पीएफआई के सदस्यों के माध्यम से धन जुटाता है और कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन, रिहैब फाउंडेशन केरल के कुछ सदस्य , पीएफआई के कुछ सदस्य और नेता, जूनियर फ्रंट, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन और नेशनल विमेंस की गतिविधियों की निगरानी करते हैं. पीएफआई और इसके सहयोगी संगठनों में हब और स्पोक जैसा संबंध है.