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श्रीकांत त्यागी पर दूसरी रिपोर्ट दर्ज, कार पर फर्जी लिखा था यूपी सरकार, तलाश में ताबड़तोड़ छापे पत्नी समेत 4 लोग पुलिस हिरासत में
दुनिया में खुद को सबसे बड़ी पार्टी की संज्ञा देने वाली पार्टी भारतीय जनता पार्टी के गाली बाज नेताओं ने पार्टी की फजीहत खूब करा रखी है। संघ द्वारा अनुशासित कैडर के आधार पर चलने वाला दल होने का दंभ भरने वाली भारतीय जनता पार्टी में अब गैर अनुशासित और जनता को पैरों की धूल समझने वाले नेताओं की बाढ़ आ चुकी है। ये भाजपा के घमंडी नेता किसी को फोन पर धमकाने और गालियां देने को ही अपनी शान समझने लगे हैं। कई बार तो आम आदमी क्या बल्कि प्रशासनिक अधिकारियों के साथ भी ऐसा रवैया सामने आ रहा है।
श्रीकांत त्यागी पर दूसरी FIR दर्ज
श्रीकांत त्यागी पर दूसरी FIR दर्ज हो गयी है। यह एफआईआर फोर्जरी की धाराओं में दर्ज हुई है जिसमें कार पर फर्जी यूपी सरकार लिखा हुआ था। कुरुक्षेत्र कार्यक्रम में उठाया गया था फोर्जरी की FIR का मुद्दा,419,420,482 की धाराओं में दूसरी FIR दर्ज हो गयी है।
तलाश में ताबड़तोड़ छापे
श्रीकांत त्यागी को गिरफ्तार करने के लिए गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने ताबड़तोड़ छापे मारे हैं। पुलिस ने पिछले करीब 24 घंटों में श्रीकांत त्यागी को तलाश करने के लिए दिल्ली, लखनऊ, गुरुग्राम, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर और वेस्टर्न यूपी के कई जिलों में दबिश दी हैं। शनिवार की देर शाम यह जानकारी गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट के एडिशनल डीसीपी लॉ एंड ऑर्डर रणविजय सिंह ने दी है।
एक ऐसा ही ताजा मामला नोएडा सेक्टर 93-बी में स्थित ओमेक्स ग्रांड में में सामने आया है। जहाँ नेता जी की हिम्मत इतनी बढ़ गई कि एक महिला को बिल्कुल सामने ही बहुत बुरी बुरी गालियां देने का वीडियो वायरल हुआ और पीड़ित महिला अन्य महिलाओं के साथ धरने पर बैठ गई और उक्त नेता जी को सोसायटी से बाहर निकालने की मांग करने लगी। उक्त नेता जी श्रीकांत त्यागी खुद को भाजपा के किसान मोर्चे से जुड़े बताते हैं।
श्रीकांत त्यागी ने सोशल मीडिया पर खुद को भाजपा के किसान मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य और सत्तारूढ़ दल की युवा किसान समिति का राष्ट्रीय समन्वयक बताया है.
वीडियो वायरल होने और महिलाओं के धरने पर बैठने के बाद पुलिस हरकत में आई और नेता जी की पत्नी समेत चार को गिरफ्तार कर लिया जबकि उक्त नेता जी गिरफ्तार बताए जाते हैं। इतना हंगामा होने के बाद भाजपा के गौतम बुद्ध नगर जिलाध्यक्ष ने उक्त श्रीकांत त्यागी का भाजपा से कोई संबंध ना होना बताया है। सांसद महेश शर्मा को भी सोसाइटी जाकर सफाई देनी पड़ी।
इस मामले के अलावा कुछ दिनों पहले उत्तर प्रदेश के एक विधायक का भी पुलिस अधिकारी को गालियां देने का ऑडियो वायरल हुआ था, ऐसा ही एक ऑडियो उत्तराखंड के भाजपा पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन का भी सामने आया है जिसमें वह किसी को गलियाते सुनाई दे रहे हैं।
समय समय पर ऑडियो - वीडियो सामने आने पर यह अनुमान लगाना आसान हो जाता है कि भाजपा की सांगठनिक पकड़ और अनुशासन ढीला पड़ रहा है। दूसरी पार्टियों की गुंडागर्दी को चुनावी मुद्दा बनाकर सत्ता में आई भारतीय जनता पार्टी को अपने नेताओं और समर्थकों पर लगाम लगानी चाहिए। यदि भाजपा भी ऐसे ही ढर्रे को पसंद करेगी तो फिर जल्दी ही जनता नकारना शुरू कर देगी। और फिर भाजपा चुनाव में खुद को अनुशासित होने का दावा करने योग्य भी नहीं रहेगी। उत्तर प्रदेश में योगी जी का सुशासन का नारा महज़ मजाक बनकर रह जाएगा। भाजपा नेतृत्व को चाहिए कि अपने गाली बाज नेताओं पर जितनी जल्दी हो लगाम कस देनी चाहिए या बाहर का रास्ता दिखा देना चाहिए।