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राज्यसभा में BJP-TMC सांसद भिड़े, मार्सलों को करना पड़ा बीच-बचाव
संसद के मानसून सत्र का आज तीसरा दिन है। पेगासस जासूसी विवाद को लेकर दो दिन हंगामे की भेंट चढ़ चुके हैं। गुरुवार यानी आज संसद के दोनों सदनों में 11 बजे कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने जमकर हंगामा हुआ। इसके बाद राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
इजराइली सॉफ्टवेयर पेगासस से कथित तौर पर 300 भारतीयों की जासूसी के आरोपों को लेकर गुरुवार जब आईटी मंत्री अश्वनी वैष्णव इस मामले पर बयान देने के लिए उठे तो तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान उन्होंने पन्ने भी फाड़े और आसन की ओर उछाल दिया। टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने तो मंत्री के हाथ से भी पन्ने छीनकर फाड़ डाले। इस बीच, सदन की कार्यवाही स्थगति कर दी गई। हालांकि, हंगामा लगातार जारी रहा। बीजेपी और टीएमसी के सांसद भिड़ गए। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और सेन के बीच तीखी बहस हुई। नौबत यहां तक पहुंच गई कि मार्सलों को हस्तक्षेप करना पड़ा।
हंगामे के कारण वैष्णव अपना बयान ढंग से नहीं दे सके। उन्हें इसे सदन के पटल पर रखना पड़ा। दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई उपसभापति हरिवंश ने बयान देने के लिए वैष्णव का नाम पुकारा। इसी दौरान विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। वैष्णव ने बयान की शुरुआत की ही थी कि हंगामा और तेज हो गया। हंगामे के कारण उनकी बात नहीं सुनी जा सकी। उपसभापति ने विपक्षी दलों के रवैये को 'असंसदीय' करार दिया और केंद्रीय मंत्री से बयान को सदन के पटल पर रखने का आग्रह किया।
दोपहर 12 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई उपसभापति हरिवंश ने प्रश्नकाल के लिए सदस्य का नाम पुकारा लेकिन विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। उपसभापति ने कहा, ''प्रश्नकाल सदस्यों के सवाल के लिए है...सवाल जवाब सदस्यों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है...आप सदन नहीं चलाना चाहते...आप अपने-अपने स्थान पर जाए। इसके बाद भी सदस्यों का हंगामा जारी रहा। सदन में हंगामा थमते न देख, उपसभापति ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी।
बता दें कि लोकसभा की एक भी बैठक अब तक नहीं हो पाई है। राज्यसभा में कोरोना वायरस पर चर्चा जरूर हुई। इस चर्चा में केंद्र सरकार के बयान ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत न होने पर जमकर हंगामा हुआ। हालांकि, अधिकतर राज्यों ने कहा है कि उनके यहां ऑक्सीजन की कमी से किसी की जान नहीं गई।