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किसानों के समर्थन में आए बॉक्सर विजेंदर सिंह, कहा- सरकार ने काला कानून वापस ना लिया तो लौटा दूंगा पुरस्कार
नई दिल्ली : ओलिंपिक पदक विजेता बॉक्सर विजेंदर सिंह ने खुलकर किसानों के आंदोलन का समर्थन किया है। रविवार को वह दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पहुंचे और प्रदर्शनकारी किसानों से बात की। मंच से सरकार को खुली चेतावनी देते हुए सिंह ने ऐलान किया कि अगर सरकार कृषि क्षेत्र से जुड़े तीनों नए कानूनों को वापस नहीं करती तो वे देश का सबसे बड़ा खेल पुरस्कार लौटा देंगे।
विजेंदर को राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड मिल चुका है। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर दक्षिणी दिल्ली से 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ा था मगर हार गए थे। तीनों कानूनों को पूरी तरह वापस लेना आंदोलनरत किसानों की सबसे बड़ी और पहली डिमांड है। विजेंदर से पहले भी पंजाब-हरियाणा से आने वाले कई एथलीट्स किसानों के समर्थन में बोल चुके हैं।
If the government doesn't withdraw the black laws, I'll return my Rajiv Gandhi Khel Ratna Award - the highest sporting honour of the nation: Boxer Vijender Singh #FarmLaws https://t.co/8Q5fVEmncC pic.twitter.com/imTATDZCei
— ANI (@ANI) December 6, 2020
किसान नेताओं और केंद्र के बीच छठे दौर की अगली बैठक 9 दिसंबर को दिल्ली में होने वाली है, जबकि किसान सितंबर में लागू किए गए तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। हालांकि सरकार कानून में संशोधन करने को लेकर सहमत हो गई है। चूंकि सरकार अब तक किसानों की मांगों के संतोषजनक समाधान नहीं कर पाई है, इसलिए किसानों ने तीनों कानूनों को रद्द करने के लिए आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है।
भारत बंद के समर्थन में कांग्रेस
विजेंदर की पार्टी कांग्रेस ने किसान संगठनों की ओर से 8 दिसंबर को बुलाए गए भारत बंद का समर्थन किया है। इस दिन वह किसानों की मांगों के समर्थन में सभी जिला एवं राज्य मुख्यालयों में प्रदर्शन करेगी। कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ''मैं यहां घोषणा करना चाहता हूं कि कांग्रेस आठ दिसंबर को होने वाले भारत बंद को पूरा समर्थन देती है।''
उन्होंने कहा कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ट्रैक्टर रैलियों, हस्ताक्षर अभियानों और किसान रैलियों के जरिए किसानों के पक्ष में पार्टी की आवाज बुलंद कर रहे हैं। खेड़ा ने कहा, ''हमारे सभी जिला मुख्यालय एवं प्रदेश मुख्यालयों के कार्यकर्ता इस बंद में हिस्सा लेंगे। वे प्रदर्शन करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि बंद सफल रहे।''