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कम्युनिस्ट नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य ने कहा है कि कोई भी सरकारी अधिकारी या अन्य व्यक्ति इस मामले में उनके घर न आए। बता दें कि यह बात उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से दिए गए पद्म विभूषण सम्मान को लेने से इनकार करने के बाद कही है| बंगाल के पूर्व सीएम ने कहा कि इस मामले में बात करने के लिए कोई भी व्यक्ति अथवा सरकारी अधिकारी उनके घर न आए। उन्होंने खराब सेहत का हवाला देते हुए यह बात कही है। हालांकि उनका कहना है कि डाक के जरिए उनके घर पर संपर्क साधा जा सकता है। बता दें कि इससे पहले रिपब्लिक डे की पूर्व संध्या पर उन्हें पद्म विभूषम सम्मान दिए जाने का ऐलान किया गया था, जिसे उन्होंने खारिज कर दिया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बंगाल की सीपीएम इकाई के सचिव सूर्यकांत मिश्रा ने बुद्धदेव भट्टाचार्य़ की ओर से बयान जारी करते हुए कहा है कि कोई भी उनके घर न आए। उनकी शारीरिक स्थिति को देखते हुए डाक के जरिए ही संपर्क किया जा सकता है। मिश्रा ने ट्वीट किया, 'बुद्धा दा के लिए मूव करना, पढ़ना और लिखना मुश्किल है। यदि हमें उनसे कोई सलाह लेनी है तो हमें उन्हें लिखकर देना होता है और फिर पढ़कर बताना होता है। इसके बाद ही उनकी सहमति मिलती है। उनका दिमाग पहले के मुकाबले अच्छी तरह से काम कर रहा है। इस मामले पर हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनकी प्रतिक्रिया के बारे में जानकारी दें।'
मीडिया में छपी खबरों के अनुसार पद्म भूषण सम्मान के लिए अपना नाम सामने आने के बाद बुद्धदेव भट्टाचार्य ने अपनी पार्टी के साथियों के जरिए बयान जारी कर कहा था, 'मैं पद्म भूषण सम्मान के बारे में कुछ नहीं जानता। इस बारे में किसी ने भी कुछ नहीं बताया है। यदि मुझे पद्म भूषण सम्मान दिया गया है तो फिर मैं इसे अस्वीकार करता हूं।' उनके इस इनकार के बाद विवाद तेज हो गया था। होम मिनिस्ट्री का कहना है कि उनका नाम तय करने से पहले उनके परिवार से मंजूरी ली गई थी। उनकी पत्नी मीरा भट्टाचार्य को सरकार के इस फैसले के बारे में बताया गया था। मंत्रालय ने कहा कि उनके परिवार के किसी भी सदस्य ने यह नहीं बताया था कि वह पद्म भूषण सम्मान नहीं लेना चाहते।
इसके साथ ही बुद्धदेव भट्टाचार्य के परिवार का कहना है कि उन्हें सम्मान दिए जाने की जानकारी देने वाली कॉल आई थी। परिवार ने कहा कि कॉलर ने यह तो बताया कि बुद्धदेव भट्टाचार्य को पद्म भूषण सम्मान दिया जा रहा है, लेकिन परिवार की हामी के बिना ही कॉल तुरंत काट दिया गया। होम मिनिस्ट्री के सूत्रों ने कहा कि किसी भी हस्ती को पद्म सम्मान दिए जाने से पहले उससे या उसके परिवार से संपर्क किया जाता है और सरकार के फैसले के बारे में जानकारी दी जा सकती है। इस मामले पर कम्युनिस्ट पार्टी का कहना है कि हमारा दल पहले से ही सरकारी पुरस्कारों को लेकर यह रवैया रखता रहा है। कॉमरेड ईएमएस नंबूदरीपाद भी अवॉर्ड ठुकरा चुके हैं।