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बजट 2021: नवनिर्माण, विकास व आत्मनिर्भरता के संकल्प को मिलेगी अप्रत्याशित गति
कमलेश पांडेय/वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार
केंद्र में दूसरी बार सत्तारूढ़ हुई नरेंद्र मोदी सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना अगला बजट 2021 सोमवार को संसद के समक्ष प्रस्तुत कर दिया। इससे आमलोगों में इस बात की उम्मीद जगी कि नवनिर्माण, विकास और आत्मनिर्भरता के संकल्प को पूरा करने के लिए सरकार ततपर है और पूरी तरह से प्रतिबद्ध भी। सात साल पहले पीएम मोदी ने जो जनाकांक्षाएं जगाई थी, उनकी वित्त मंत्री ने उसी दिशा में एक और कदम बढ़ा दिया है।
मौजूदा आम बजट गांव-गरीब-किसान, रोजगार, स्वच्छ पेयजल व स्वास्थ्य के प्रति समर्पित संतुलित बजट है, जिसमें कोई नया कर नहीं लगाते हुए कोरोना काल की मंदी से अर्थव्यवस्था को उबारने की एक और सार्थक पहल की गई है। यह बजट देश के इंफ्रास्ट्रक्चर के चतुर्मुखी विकास के साथ साथ अर्थव्यवस्था में सुधार हेतु लाया गया एक और शानदार बजट है। निःसन्देह इसे कोरोना की निराशा से देश को आशा की ओर ले जाने वाला बजट करार दिया जा सकता है। कमोबेश वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण व उनकी जम्बोजेट बजट टीम का प्रयास सराहनीय है और इससे नए भारत के इरादे को और मजबूती मिलेगी। विश्व गुरु कहलाने और समर्थ भारत बनाने के प्रयासों को भी इससे बल मिलेगा।
बजट में जिस तरह से नए इकोनॉमिक कॉरिडोर, हाईवे, रेल सुरक्षा व विस्तार, सड़क, बस व मेट्रो आदि सभी क्षेत्रों में विकास के साथ साथ नए गैस कनेक्शन, केरल व पश्चिम बंगाल में सड़कों का जाल व रोजगार परक योजनाएं लायी गयी है, उससे भव्य व दिव्य भारत के अरमानों के साकार होने के अवसर बढ़ेंगे। बजट में कृषि क्षेत्र को बढ़ावा, एमएसपी पर रिकॉर्ड खरीद योजना, लागत का डेढ़ गुना मूल्य, सिंचाई हेतु 1000 करोड़ बजट सहित किसान की आमदनी दुगनी करने का संकल्प जिस तरह से दुहराया गया है, वह निकट भविष्य के लिए एक शुभ संकेत है।
वहीं, जीएसटी सरलीकरण, सोना-चांदी में एक्साइज में कटौती, लोहा तथा ताम्बा व स्टील पर छूट, 100 नए सैनिक स्कूल खोलने, 758 एकलव्य स्कूल खोलने, एमएसएमई को बढ़ावा देने, सरकारी बैंकों के लिए 20000 करोड़ रुपये प्रदान करने, बीमा क्षेत्र में एफडीआई बढ़ाने सहित कोरोना आदि वैक्सीन हेतु पर्याप्त बजट व्यवस्था करने, स्वास्थ्य व रियल स्टेट में सस्ते आवास को बढ़ाने के साथ साथ देश को प्रगति के पथ पर ले जाने में मदद मिलेगी। बजट में पेंशन व ब्याज पर कर छूट के साथ 75 वर्ष की आयु के बाद आय कर रिटर्न से छूट एक क्रांतिकारी कदम है, जिससे वयोवृद्ध लोगों को काफी राहत मिलेगी।
सच कहा जाए तो नए आत्मनिर्भर भारत का कोरोना महामारी से संघर्ष के बाद आया एक शानदार बजट है। गांव गरीब किसान के लिए कल्याणकारी व क्रांतिकारी विकास के लिए संकल्प बद्ध बजट है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2021 पेश करते हुए कहा कि केंद्र की एक नई योजना "प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना" लॉन्च की जाएगी, जिस पर 6 वर्षों में क़रीब 64,180 करोड़ खर्च होगा। उन्होंने दो टूक कहा कि सरकार ने सबसे संवेदनशील वर्गों को सहारा देने के लिए, पीएमजीकेवाई, तीन आत्मनिर्भर पैकेज और बाद में की गईं घोषणाएं अपने आप में पांच मिनी बजट के समान थीं। आत्मनिर्भर पैकेजों ने ढांचागत सुधारों की हमारी गति को बढ़ाया।
उन्होंने आगे कहा कि 2021-22 का बजट 6 स्तंभों पर टिका है, जिसमें पहला स्तंभ स्वास्थ्य और कल्याण, दूसरा- भौतिक और वित्तीय पूंजी और अवसंरचना, तीसरा- आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास, चतुर्थ- मानव पूंजी में नवजीवन का संचार करना, पांचवा-नवाचार और अनुसंधान और विकास, छठा स्तंभ- न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन। इस बात में कोई दो राय नहीं कि सरकार ने ताजा बजट प्रस्तावों के माध्यम से जनजीवन और दुनियादारी के सभी पहलुओं को अपने व्यापक व सर्वसमावेशी दृष्टिकोण में समेटने व उन्हें लाभान्वित करने की जो सकारात्मक पहल की है, वह सराहनीय है। हमलोगों का यह पुनीत कर्तव्य है कि सरकारी विशेषज्ञों के अनुभवों का लाभ लेने के लिए मौजूदा परिवर्तित नीतियों के अनुरूप खुद को ढाल लें, ताकि कोई हमें निढाल बनाने का कुत्सित षड्यंत्र नहीं रच सके। इससे विदेशी एजेंडा हतोत्साहित होगा और देशी रणनीति कारगर होगी।
वित्त मंत्री द्वारा जल जीवन मिशन (शहरी) लॉन्च किया जाएगा, जिसका उद्देश्य 4,378 शहरी स्थानीय निकायों में 2.86 करोड़ घरेलू नल कनेक्शनों को सर्वसुलभ जल आपूर्ति व्यवस्था उपलब्ध कराना है। वहीं, भारत में बनी न्यूमोकोकल वैक्सीन, जो अभी सिर्फ 5 राज्यों तक सीमित है, इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा। इससे वर्ष में 50,000 से ज़्यादा बच्चों की मौत को रोका जा सकेगा।
इसके अलावा, शहरी स्वच्छ भारत मिशन 2.0 की शुरुआत होगी, जिसको 2021-2026 से 5 वर्ष की अवधि में 1,41,678 करोड़ रूपए के कुल वित्तीय आवंटन से कार्यान्वित किया जाएगा। वित्त मंत्री ने वर्ष 2021-22 में कोरोना वैक्सीन के लिए 35,000 करोड़ रुपये मुहैया कराए हैं और स्पष्ट कर दिया है कि अगर आगे भी जरूरत पड़ती है तो मैं फंड मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध हूं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021-22 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण पर 2,23,846 करोड़ खर्च होंगे।
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि 3.3 लाख करोड़ रुपये की लागत से 13,000 किलोमीटर से अधिक की सड़क पहले ही 5.35 लाख करोड़ रुपये की भारतमाला परियोजना के तहत दी जा चुकी है, जिसमें 3,800 किलोमीटर का निर्माण किया गया है। मार्च 2022 तक 8,500 किलोमीटर और नेशनल हाईवे कॉरिडोर का अतिरिक्त 11,000 किलोमीटर को पूरा करेंगे। इसके अलावा, रेलवे के लिए रेल योजना 2030 तैयार है। रेलवे के लिए रिकॉर्ड 1,10,055 करोड़ का प्रावधान है। सड़क परिवहन मंत्रालय के लिए 1,18,101 करोड़ का अतिरिक्त प्रावधान है। स्वभाविक है कि इससे कश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ से कामरूप तक आवागमन व परिवहन सुगम होगा तथा आम जन लाभान्वित होंगे।
वित्तमंत्री ने एमएसपी बढ़ाकर उत्पादन लागत का 1.5 गुना किया है। इससे साफ है कि सरकार किसानों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है। वहीं, उज्जवला स्कीम में एक करोड़ और लाभार्थी शामिल होंगे। बीमा कंपनियों में एफडीआई को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने का प्रावधान किया गया है। वहीं, गेहूं के लिए किसानों को 75,060 और दालों के लिए 10,503 करोड़ का भुगतान किया जाएगा। साथ ही, धान की भुगतान राशि 1,72,752 करोड़ होने का अनुमान है। इसके अलावा, कृषि उत्पादों के निर्यात में 22 और उत्पादों को शामिल किया जाएगा। इन उपायों से किसानों की आमदनी बढ़ेगी और उनके लिए वैकल्पिक रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
वहीं, वर्ष 2021-22 में एक हाइड्रोजन एनर्जी मिशन शुरू करने का प्रस्ताव किया गया है, जिसके तहत ग्रीन पावर स्रोतों से हाइड्रोजन को पैदा किया जा सकेगा। इसके अलावा, कपड़ा उद्योग को वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बनने के लिए पीएलआई योजना के अतिरिक्त मेगा निवेश टेक्सटाइल्स पार्क योजना लॉन्च किया जाएगा। 3 वर्षों की अवधि में 7 टैक्सटाईल पार्क स्थापित किए जाएंगे।
वित्त मंत्री ने कहा कि 2020-21 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 9.5 प्रतिशत निर्धारित किया गया है। 2021-22 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.8 प्रतिशत होने का अनुमान है। 2025-26 तक राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.5 प्रतिशत लाने का लक्ष्य है। केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर राज्य में एक गैस पाइप लाइन परियोजना शुरू की जाएगी। एक स्वतंत्र गैस ट्रांसपोर्ट सिस्टम ऑपरेटर का गठन किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि परियोजनाओं, कार्यक्रमों, विभागों के लिए प्रदान किए जाने वाले आर्थिक कार्य विभाग के बजट शीर्ष में 44 हज़ार कोरोड़ रुपए से अधिक राशि रखी है। इस व्यय के अतिरिक्त हम राज्यों और स्वायत्त निकायों को उनके पूंजीगत व्यय के लिए 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक की राशि भी प्रदान करेंगे। स्वाभाविक है कि इन उपायों से देश की आधारभूत संरचनाएं और अधिक मजबूत होंगी।
नए बजट प्रस्तावों के मुताबिक, यूरोप और जापान से और अधिक जहाजों को भारत लाने के प्रयास किए जाएंगे। वहीं, रिसाइंकिलिंग कैपेसिटी जो लगभग 4.5 मिलियन लाइट डिस्प्लेसमेंट टन है, उसे 2024 तक दो गुना किया जाएगा। इससे हमारे युवाओं के लिए 1.5 लाख अधिक नौकरियां पैदा होने का अनुमान है। वहीं, 75 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों का टैक्स कम किया गया है। उन्हें आयकर रिटर्न दाखिल करने में छूट दी जाएगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर फंड को 30,000 करोड़ से बढ़ाकर 40,000 करोड़ किया जा रहा है। माइक्रो इरिगेशन फंड को 5,000 करोड़ से बढ़ाकर दोगुना करने का प्रस्ताव है। इन प्रावधानों का स्पष्ट संकेत है कि सबका साथ लेकर सबका समग्र विकास करने के मंसूबे संजोने वाली सरकार अपने नेक कार्य से सबका विश्वास हासिल करने की दिशा में कुछ और कदम आगे बढ़ा चुकी है।