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90 दिन तक लॉकडाउन बढ़ने की ख़बरों पर कैबिनेट सचिव का बड़ा बयान, अभी 14 अप्रैल से आगे बढ़ने की कोई योजना नहीं
नई दिल्ली : कोरोनावायरस से निपटने के लिए देश में लागू 21 दिन का लॉकडाउन आगे नहीं बढ़ेगा। ऐसी कुछ रिपोर्ट आई थीं कि सरकार लॉकडाउन को 90 दिन तक बढ़ा सकती है। सोमवार को कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने इन रिपोर्ट्स को बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि अभी लॉकडाउन को 14 अप्रैल से बढ़ाने की कोई योजना नहीं है।
उन्होंने कहा, "मैं ऐसी रिपोर्ट देखकर हैरान हूं। लॉकडाउन को बढ़ाने की कोई योजना नहीं है।" 21 दिनों का लॉकडाउन 24 मार्च आधी रात से जारी है।
इससे पहले केंद्र ने रविवार को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सख्ती से लॉकडाउन लागू करने के निर्देश दिए थे। इसमें चूक होने पर जिले से डीएम और एसपी व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे।
क्या हैं सरकार के इंतजाम
मौजूदा हालात से निपटने के लिए सराकर ने 11 अधिकारप्राप्त समूह बनाए हैं। इनकी जिम्मेदारी लॉकडाउन को ठीक से लागू करना है। इन 11 समूहों में 80 सीनियर अधिकारी हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय और कैबिनेट सचिव के सीनियर अधिकारी हर ग्रुप में शामिल हैं।
एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि, 11 पैनल बनाए गए हैं। इस पैनल का गठन आपदा प्रबंधन अधिनियम एक्ट (Disaster Management Act) के तहत किया गया है। लाइव मिंट में छपी खबर के मुताबिक, एक अधिकारी ने नाम छापने की शर्त पर बताया कि, यह पैनल कोई भी योजना बनाने और इसे समयबद्ध तरीके से लागू करने के लिए जरूरी कदम उठाने को स्वतंत्र हैं।
लॉकडाउन के बीच पिछले दिनों दिल्ली, मुंबई, सूरत समेत अन्य बड़े शहरों से दिहाड़ी मजदूर और कामगार हजारों की तादाद में पैदल अपने राज्यों की ओर जा रहे थे। इन्हें रोकने के लिए केंद्र सरकार ने आपदा फंड के नियमों में बदलाव किया था। गृह मंत्रालय ने राज्यों को लिखे पत्र में कहा है कि वे मजदूरों के लिए अस्थाई शिविर बनाने, खाना और मेडिकल सुविधा के लिए आपदा फंड की राशि खर्च कर सकते हैं। साथ ही कहा कि बॉर्डर पर मजदूरों का मूवमेंट रोका जाए। इन लोगों को सीमाओं पर ही 14 दिन के लिए क्वारैंटाइन किया जाए। मजदूरों के पलायन पर चर्चा के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर मंत्री समूह की बैठक भी हुई।