- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- Shopping
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
अगले 8- 10 साल तक पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में नहीं डाल सकतेः सुशील मोदी
नवनीत मिश्रा
भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने आज सदन में बताया कि आखिर वह कौन सी मजबूरी है, जिसकी वजह से सरकार पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में नहीं डालना चाहती।
उन्होंने राज्यसभा में कहा, "बार-बार एक बात आती है कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में डाल दिया जाए। अगर जीएसटी में पेट्रो उत्पादों को डाल दिया गया तो राज्यों को हर साल दो से ढाई लाख करोड़ से ज्यादा के नुकसान की भरपाई कहां से होगी? पेट्रोल-डीजल से केंद्र और राज्यों को करीब 60 प्रतिशत रेवेन्यू और लगभग पांच लाख करोड़ रुपये प्रति मिलते हैं। जीएसटी की उच्चतम दर 28 प्रतिशत है, जबकि अभी पेट्रोल-डीजल पर 60 प्रतिशत टैक्स लिया जा रहा है। ऐसे में अगर पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में डाल दिया गया तो राज्यों को दो से ढाई लाख करोड़ की भरपाई कहां होगी?
सुशील मोदी ने बताया कि जीएसटी में डाल देने से सौ रुपये के पेट्रोल-डीजल पर केंद्र और राज्य को केवल 12 रुपये टैक्स प्राप्त हो गया। इस प्रकार 48 रुपये का जो नुकसान होगा, उसकी भरपाई कहां से होगी।
भाजपा सांसद सुशील मोदी ने कहा, "कांग्रेस हो या बीजेपी की सरकार हो, कोई सरकार ढाई लाख करोड़ रुपये नुकसान की भरपाई करने को तैयार नहीं है। यह संभव नहीं है कि आने वाले 8-10 साल साल में पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में डाला जा सके। "
कुल मिलाकर सुशील मोदी के इस तथ्य से इतना साफ हो गया कि जीएसटी में डालने से पेट्रोल-डीजल के दामों पर जनता को भारी राहत मिल सकती है। हालांकि, सरकार पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में डालकर अपनी आमदनी कम करना नहीं चाहती।