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10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड की बची हुई परीक्षाओं को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को करेगा आदेश जारी
कोरोना संकट के चलते सीबीएसई की 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड की बची हुई परीक्षाओं को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को आदेश जारी करेगा. पिछले मंगलवार को सुनवाई में केन्द्र सरकार और बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि इस बारे में सरकार बुधवार शाम तक निर्णय ले लेगी जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई गुरुवार के लिए टाल दी थी. पिछली सुनवाई में इस बारे में सीबीएसई बोर्ड की ओर से सुप्रीम कोर्ट में सीलबंद रिपोर्ट दाखिल की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को कहा था कि वह CBSE के साथ-साथ ICSE की परीक्षाओं पर भी फैसला ले.
गौरतलब है कि इस साल हुई बोर्ड की परीक्षाओं का दोहराव कोरोना लॉकडाउन में शुरू हो गया था जिसकी वजह से बोर्ड की परीक्षाएं बीच में ही रुक गई थीं. जानकारी के मुताबिक कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए छात्रों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के मद्देनजर सीबीएसई में जुलाई में होने वाली बोर्ड परीक्षा टालने पर फिलहाल सहमति बन रही है जिसमें सीबीएसई बोर्ड की ओर से 10वीं और 12वीं कक्षा के बचे हुए 29 विषयों की परीक्षाओं के आयोजन की बजाय छात्रों के असेसमेंट से रिजल्ट तैयार करने और परीक्षा की तारीख बढ़ाने की योजना है.
सुप्रीम कोर्ट में CBSE बोर्ड की परीक्षा कराए जाने के बोर्ड के फैसले के खिलाफ याचिका दायर हुई थी जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने बोर्ड से जवाब मांगा था. याचिका में इस साल की बोर्ड की बची हुई परीक्षाएं रद्द करने की मांग की गई थी. कहा गया कि सीबीएसई बोर्ड के छात्रों का रिजल्ट इंटरनल असेस्मेंट के आधार पर घोषित किया जाए.
याचिका में कहा गया कि एम्स के डाटा के अनुसार, कोरोना वायरस आने वाले समय में भारत में अपने चरम पर होगा ऐसे में परीक्षाओं को रद्द कर दिया जाना चाहिए. याचिका में कहा गया कि संक्रमितों की संख्या को देखते हुए परीक्षाएं कराना बेहद जोखिम भरा हो सकता है.
याचिका पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा सरकार बोर्ड से जवाब मांगे जाने पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय और सीबीएसई बोर्ड के अधिकारियों की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर बैठक हुई जिसमें कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते फिलहाल जुलाई में आयोजित होने वाली परीक्षा को स्थगित करवाने पर सहमति बन गई है। बैठक में बोर्ड के अधिकारियों ने कहा है कि दसवीं कक्षा का असेसमेंट से रिजल्ट तैयार करना आसान है, लेकिन 12वीं कक्षा के मामले में इस तरह रिज़ल्ट तैयार करने में दिक्कत आएगी क्योंकि 12वीं कक्षा के आधार पर आईआईटी, मेडिकल समेत उच्च शिक्षा में दाखिला होता है.
स्कूल के इंटरनल असेसमेंट में कई होनहार छात्र भी फिसड्डी हो सकते हैं. बहुत छात्र ऐसे होते हैं जो बोर्ड की परीक्षाओं की तैयारियों पर पूरा ध्यान देते हैं और स्कूल की अपनी परीक्षाओं पर ज्यादा समय नहीं लगाते क्योंकि वे फाइनल की तैयारी में लगे रहते हैं और क्लास टेस्ट को तवज्जो नहीं देते हैं. इसके अलावा कोचिंग सेंटर में लाखों की तादाद में इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी में जुटे छात्र स्कूल में दाखिला तो लेते हैं, लेकिन कक्षा और क्लास टेस्ट नहीं देते हैं. ऐसे में इन छात्रों का असेसमेंट मुश्किल होगा?
बोर्ड के अधिकारियों का तर्क है कि जब राज्य अपनी बोर्ड परीक्षा करवा रहे हैं तो फिर सीबीएसई बोर्ड परीक्षा भी करवायी जा सकती है. दिल्ली और मुंबई समेत अधिक संक्रमण वाले शहरों को छोड़कर अन्य जगह परीक्षा करवायी जाए. हालात ठीक होने पर बचे हुए शहरों में अगस्त में हालात ठीक होने पर भी करवाई जा सकती है.