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जनगणना, परिसीमन तो है बहाना, असली मकसद महिला आरक्षण टालना है !

Devesh Pandey
23 Sep 2023 4:28 AM GMT
जनगणना, परिसीमन तो है बहाना, असली मकसद महिला आरक्षण टालना है !
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पार्टी की कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने महिला आरक्षण अधिनियम में संशोधन की मांग की थी। उनका कहना है कि महिला आरक्षण के अंतर्गत O.B.C. आरक्षण को शामिल किया जाना चाहिए।

इन दिनों देश में महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) की चर्चा जोरों पर है। लोक सभा और राज्य सभा में असुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के सांसदों को छोड़ सभी ने इस बिल के समर्थन में वोटिंग की और भारी संख्या में वोटों के साथ यह बिल पास हुआ। अब इंतजार है तो सिर्फ राष्ट्रपति के मंजूरी का... नहीं नहीं अभी बात इतनी सी नहीं, अभी तो इंतजार है जनगणना का, परिसीमन का फिर कहीं जाकर इस बिल से देश की महिलाओं को फायदा मिलेगा।

विपक्ष के गंभीर सवाल ---

यदि महिला आरक्षण बिल से महिलाओं को फायदा कई सालों बाद मिलेगा, तो विशेष सत्र बुलाने की क्या जरूरत थी, यह काम तो आने वाले शीतकालीन सत्र में भी हो सकता था?

अभी से ही यह आरक्षण न लागू हो पाने का ठोस कारण क्या है?

क्या यह विशेष सत्र आगामी लोक सभा चुनाव में महिलाओं का व्यापक समर्थन पाने के लिए एक पाॅलिटिकल स्टंट है?

महिला आरक्षण के अंतर्गत O.B.C. आरक्षण क्यों नहीं?

जानकारों की मानें तो इस महिला आरक्षण को जल्द लागू करने में कोई विशेष बाधा नहीं। हलांकि सरकार अपनी ओर से दलील दे रही है कि सिस्टमेटिक तरीके से महिला आरक्षण लागू होना चाहिए इसलिए जनगणना और परिसीमन के बाद इसे लागू करने का प्रावधान रखा गया है। सरकार का कहना है कि विपक्ष हमें कोसने का कोई अवसर नहीं छोड़ता इसलिए इतने ऐतिहासिक कदम में भी इन्हें खोट नज़र आ रहा है।

आपको बता दें भाजपा में भी खिलाफत के सुर उठे हैं। पार्टी की कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने महिला आरक्षण अधिनियम में संशोधन की मांग की थी। उनका कहना है कि महिला आरक्षण के अंतर्गत O.B.C. आरक्षण को शामिल किया जाना चाहिए।

अब इन सब के बीच मोदी सरकार के इस फैसले से भाजपा को कितना फायदा होगा या जनता विपक्ष के आरोपों पर विश्वास करेगी, यह देखना दिलचस्प होगा।

साथ ही महिलाओं को इस आरक्षण के लागू होने का बेसब्री से इंतजार रहेगा।

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