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पेपर लीक पर केंद्र ने लागू किया कड़ा कानून, 10 साल की कैद, एक करोड़ तक जुर्माना...

Special Coverage News
22 Jun 2024 3:59 AM GMT
पेपर लीक पर केंद्र ने लागू किया कड़ा कानून, 10 साल की कैद, एक करोड़ तक जुर्माना...
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पेपर लीक गिरोह में शामिल लोगों को 5 से 10 साल की कैद और न्यूनतम 1 करोड़ रुपये के जुर्माने का प्रावधान है.

नई दिल्ली : शिक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) पेपर लीक के आरोपों से जूझ रहे हैं, ऐसे में केंद्र सरकार ने कड़ा कदम उठाया है. सरकार ने शुक्रवार को सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 को अधिसूचित किया, जिसका उद्देश्य देश भर में आयोजित होने वाले प्रतियोगी और सामान्य प्रवेश परीक्षाओं में फर्जीवाड़े को रोकना है.

इस साल फरवरी में संसद से यह कानून पारित हुआ था, जो 21 जून 2024 से प्रभाव में आ गया है. इस कानून के तहत सार्वजनिक परीक्षाओं में होने वाली धोखाधड़ी (नकल) पर अंकुश लगाने के लिए न्यूनतम 3 से 5 साल की कैद की सजा का प्रस्ताव है और पेपर लीक गिरोह में शामिल लोगों को 5 से 10 साल की कैद और न्यूनतम 1 करोड़ रुपये के जुर्माने का प्रावधान है. यदि कोई व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह कोई संगठित अपराध करता है, जिसमें परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था, सेवा प्रदाता, या कोई अन्य संस्थान शामिल है, तो उन्हें कम से कम 5 साल की कैद की सजा दी जाएगी, जिसे 10 साल तक बढ़ाया जा सकता है.

कानून कहता है कि जुर्माना 1 करोड़ रुपये से कम नहीं होगा. किसी संस्थान के संगठित पेपर लीक अपराध में शामिल पाए जाने पर उसकी संपत्ति कुर्क करने और जब्त करने का भी प्रावधान कानून में है और परीक्षा की लागत भी उस संस्थान से वसूली जाएगी. हालांकि, यह कानून परीक्षा में उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों को दंडात्मक प्रावधानों से बचाता है. अगर कोई अभ्यर्थी परीक्षा के दौरान अनुचित साधनों का प्रयोग करता हुआ पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई होगी.


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