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युगो युगो तक याद किए जाएंगे, अंतिम बार चंद्रशेखर फफक फफककर रो पड़े
पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्शेखर जी की आज 94 वीं जयंती पर आज समाजवादी जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्याम जी त्रिपाठी ने कहा कि हम उनके बनाये हुए रास्ते पर अनवरत जब सांस है तब तक निरंतर चलते रहेंगे. चंद्रशेखर जी एक अजीबोगरीब इंसान थे जिनमे सच्चाई से लड़ने की ताकत थी गरीब मजलूमों की राजनीत करते थे. उनको में अपनी सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ.
समाजवादी जनता पार्टी (चंद्रशेखर )के संस्थापक अध्यक्ष पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंद्रशेखर जी की आज 94 वी जयंती है। इस अवसर पर समाजवादी जनता पार्टी (चंद्रशेखर )के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री श्याम जी त्रिपाठी नेअपनी और समाजवादी जनता पार्टी (चंद्रशेखर)की ओर से उन्हे श्रद्धांजलि अर्पित की। स्वर्गीय चंद्रशेखर जी समाजवादी विचारों में अटूट विश्वास रखने ,अपनी धुन के पक्के, अकेले भी चल कर सफलता प्राप्त करने की हिम्मत रखने वाले,अपनी बातों पर अडिग रहने वाले, गांव और गरीबों का दर्द समझने वाले सत्ता के शिखर पर भी पहुंच कर जमीनी हकीकत से दूर नहीं रहे।
अपनी दूरदर्शिता के कारण ही वे हमेशा वर्तमान में जीने वाले अहकारी लोगों के निशाने पर रहे। परंतु इसकी कभी उन्होंने परवाह नहीं की। आर्थिक आजादी के जिस संघर्ष को अपने जीवन के अंतिम दिनों में हम लोगों के आदर्श पुरुष स्वर्गीय चंद्रशेखर जी ने प्रारंभ किया था जो गांधी जी की इच्छा थी उसआर्थिक आजादी की लड़ाई को समाजवादी जनता पार्टी (चंद्रशेखर )आगे बढ़ाएगी और उसे पाने के लिए अनवरत संघर्ष करती रहेगी । पार्टी स्वर्गीय चंद्रशेखर के विचारों परआगे बढ़ेगी उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाएगीऔर आर्थिक आजादी की लड़ाई को जिसे स्वर्गीय चंद्रशेखर जी ने 90 के दशक में शुरू किया था उसे अंजाम तक पहुंचाने का प्रयास करेगी।
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जब बलिया पहुंचे
चंद्रशेखर जी का अंतिम बार बलिया आना...जब हर एक क्षण खूब रोए थे दाढ़ी बाबा...शायद उन्हें बलिया से अपनी छत्रछाया सिमट जाने का आभास हो चूका था ।
अक्टूबर २००६...जे०पी जयंती पर उन्हें सिताबदियरा जाना था...स्वतंत्रता सेनानी बलिया रुकी...चंद्रशेखर जी गेट पर आएँ...स्टेशन पर खड़े लोगों को देखते ही फ़फ़क फ़फ़क कर रोने लगें...चारों तरफ़ सन्नाटा छा गया...पूरी भीड़ द्रवित हो गई...आँसुओं से विदा लेते हुए ट्रेन सुरेमनपुर पहुँची...वहाँ के बाद कार से सिताबदियरा पहुँचे...डॉक्टरों द्वारा ज्यादा बैठने की मनाही के बावजूद पुरे दिन अपने लोगों के बीच बैठें रहें...अस्वस्थ हाल में जे०पी जयंती की सभा को संबोधित किया...नितीश कुमार भी मौजूद थें...
लेकिन जैसे ही जे०पी के आँगन से बाहर निकले पीछे मुड़ कर जे०पी ट्रस्ट में खड़े लोगों को निहारा और रोने लगे...चारों तरफ़ सन्नाटा छा गया...वहाँ खड़े हजारों लोगों की आँखे नम हो गई...खुद को ढाढ़स बाँध आगे बढ़े...लेकिन गाड़ी के पास आकर उनके पाँव फिर ठहर गये...गाड़ी का सहारा लेकर वो इतना रोएँ की शायद ही वहाँ खड़े किसी के आँखों से आँसू न निकले हों...रोते हुए,ठहरते हुएं चंद्रशेखर जी गाडी में बैठे...गाड़ी आगे बढ़ी और पीछे छोड़ गई धूलों का गुब्बार...फिर वो कभी लौट न आएँ 😢