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अब 10 मिनट में होगा कोरोना का टेस्ट, भारत ने बनाई नई तकनीक
देश में लॉकडाउन जारी रहने के बाद भी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना को हराने के लिए ज्यादा संख्या में संदिग्ध लोगों का टेस्ट करना जरूरी है. अभी कोरोना संदिग्धों की जो जांच होती है उसमें काफी समय लगता है. हालांकि रैपिड टेस्ट होने की वजह से ही ज्यादा पॉजिटिव मामलों की जानकारी भी मिली है. अब कोरोना टेस्ट में तेजी लाने के लिए श्री चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी ने एक नई तकनीक विकसित की है.
इंस्टीट्यूट ने जो तकनीक विकसित की है उसके जरिए कम कीमत पर महज दो घंटे से भी कम समय में किसी भी मरीज के कोरोना पॉजिटिव या निगेटिव होने का पता लगाया जा सकेगा. हालांकि वायरस की पहचान सिर्फ 10 मिनट में हो जाएगी. इतना ही नहीं एक मशीन से 30 सैंपल की जांच की जा सकेगी.
इस तकनीक से जांच में वायरल-न्यूक्लिक एसिड (RT-LAMP) के रिवर्स ट्रांसक्रिपटेस लूप के जरिए SARS- COV2 के N जीन का पता लगाया जाता है. पूरी दुनिया में कहीं भी कोरोना टेस्ट के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल अभी नहीं किया गया है.
इस टेस्ट तकनीक को लेकर NIV अलप्पुझा (ICMR द्वारा अधिकृत) में किए गए परीक्षण बताते हैं कि चित्रा GeneLAMP- N में 100% सटीकता और परिणामों के साथ RT-PCR का उपयोग किया जाता है. भारत में कोरोना वायरस परीक्षण के लिए ICMR को इसे मंजूरी देने का अधिकार दिया गया है. मंजूरी मिलने के बाद किट के निर्माण के लिए CDSCO से लाइसेंस लेना होगा.
देश में कोरोना टेस्ट के लिए अभी जो पीसीआर किट का इस्तेमाल किया जाता है उसमें जीन का पता लगाने और पुष्टि के लिए आरडीआरपी जीन की मदद ली जाती है. चित्रा GeneLAMP-N में स्क्रीनिंग टेस्ट की जरूरत नहीं होगी और बहुत कम लागत जांच की जा सकेगी.
इस तकनीक के जरिए सिर्फ 10 मिनट में पता लगाया जा सकता है कि संदिग्ध मरीज कोरोना पॉजिटिव है या नहीं. एक मशीन में एक ही बार में कुल 30 नमूनों का परीक्षण किया जा सकता है जिससे बड़ी संख्या में हर दिन टेस्ट किए जा सकते हैं.