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एयर स्ट्राइक की जगह कांग्रेस ने यह सवाल दागा होता तो मोदी सरकार औंधे मुंह पड़ी होती , तुम्हें सरकार की पड़ी है, उनकी तो सरकार लुटी है
जम्मू कश्मीर में हमला और एयर स्ट्राइक के बाद देश में जो हालात उत्पन्न हुए है उससे आम आदमी भी वेचैन हो गया है। पहले सर्जिकल स्ट्राइक हुई उस पर महीनों बहस में निकल गये उसके बाद एयर स्ट्राइक हुई उसमें अभी सब माहौल देख ही रहे है। लेकिन पहली बार कांग्रेस ने या ममता समेत पूरे विपक्ष ने सरकार से यह सवाल क्यों नहीं पूंछा जिसे जानना जनता भी चाहती है।
देश में इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक आया कहाँ से? इस विस्फोटक से अगर बसें बिल्कुल धीरे और आसपास होती तो लगभग दर्जन भर वाहन चपेट में आ सकते थे। तो कितने जवानों की जान जाती आप सोच भी नहीं सकते है। इस पूरे घटनाक्रम का जितना राजनीतिकरण हो रहा है वो बिलकुल देश हित में नहीं है।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर आत्मघाती हमले को अंजाम देने वाले आतंकी ने कार में 300 किलो से अधिक आरडीएक्स रखा हुआ था। इतने आरडीएक्स के धमाके एक ट्रक करीब 40 मीटर तक हवा में उछल सकता है। यही नहीं, अगर वाहनों के बीच कहीं सेंटर में इतना आरडीएक्स विस्फोट हो तो 7 से 8 वाहनों के चीथड़े उड़ा सकता है।
इस हमले के बाद न तो कांग्रेस ने और न ही समूचे विपक्ष ने यह सवाल सरकार से पूंछा है जब चौकीदार हर समय जाग रहा था तो देश में आरडीएक्स कैसे आया।इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ कैसे आया? लेकी यहाँ तो सवाल ही उल्टा पुंछ रहे है कि लाशें कहां है। जिससे बीजेपी को अपनी बात कहने का पूरा मौका मिल रहा है।
देश की पूरी टीवी मीडिया ने एक बार इस पर डिबेट नहीं कराई क्यों? जबकि इस घटना से जुड़े हर छोटे बड़े पहलु की बड़ी तगड़ी कवरेज की गई। भला हो उन पांच शहीदों का जिनकी तस्वीर भी इस बार टीवी पर नहीं आई क्योंकि उस दिन सिर्फ और सिर्फ पाकिस्तान की गतिविधियों से मतलब था। क्या उन पांच शहीदों ने अपनी जान देश खातिर नहीं गंवाई थी।
एक ट्रक से टकराने पर 40 मीटर तक हवा में उछाल सकता है धमाका
7 से 8 वाहनों के चीथड़े उड़ा सकता है इतना विस्फोटक
न ही तारें बिछाईं, न ही रिमोट से किया हमला, सीधा कार को टकराया
आशंका है कि आतंकी आदिल की कुछ ऐसी ही प्लानिंग थी।
इसलिए इतनी भारी मात्रा में कार में आरडीएक्स रखा गया था।
आरडीएक्स से धमाका करने के मुख्य रूप से दो ही तरीके हैं। पहला यह कि आरडीएक्स लगी आईईडी को कहीं पर लगाकर रखा जाए और रिमोट से विस्फोट कर दिया। दूसरा यह की इसके लिए तारें बिछाई जाएं। कुछ दूरी पर इसका बटन दबाकर विस्फोट किया जाए। पुलवामा में हुए हमले में इन दोनों का ही इस्तेमाल नहीं किया।
आतंकियों को पता था कि तारें बिछाने से काम नहीं चलेगा। क्योंकि किसी भी कानवाय के गुजरने से पहले उसके रूट पर गश्त होती है। जिससे तारें बिछाने वाला प्लान संभव नहीं था। रिमोट से भी हमला नहीं किया गया, क्योंकि सड़क पर खड़े वाहन को आगे चल रहे वाहन मानीटर कर लेते हैं। इसलिए आतंकी पीछे से कार लेकर आया और सीधा काफिले के एक वाहन से जाकर टकराया।
कार चलाने वाले ने आईईडी बटन दबाकर विस्फोट किया। क्योंकि इसमें 300 किलो से अधिक आरडीएक्स था। इसलिए जिस गाड़ी से यह टकराया। उसके चीथड़े उड़ गए। करीब 40 मीटर तक सीआरपीएफ का वाहन हवा में उछला। कार के टकराने के बाद अन्य आतंकियों सीआरपीएफ के दूसरे वाहन पर फायरिंग कर दी।
अब सिर्फ लोग बात एयर स्ट्राइक की करते है उन 70 शहीदों की भी बात कर लो जिनके परिवार में अँधेरा छा गया और आप सत्ता के नशे में अपने प्रचार प्रसार में सब कुछ भूल कर केवल अपनी जीत के लिए सभी पार्टियाँ लगी हुई है। इस समय उन विधवाओं को आपकी उतनी ही जरूरत है जितना आपको सरकार बनाने के लिए वोट की जरूरत है, अरे उनकी तो पूर्ण बहुमत की सरकार सीधे सीधे बर्खास्त हुई है। और आप अपनी बनाने में लगे हुए है शर्म करों।