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चुनावी नतीजों से पहले कांग्रेस ने खींचे कदम? मोदी को रोकने के लिए PM पद के बगैर गठबंधन सरकार में शामिल होने को तैयार
नई दिल्ली : आम चुनाव में भले ही अभी एक चरण का मतदान बाकी है, लेकिन कांग्रेस ने बहुमत न मिलने की स्थिति में गठबंधन के संकेत दिए हैं। यही नहीं कांग्रेस का कहना है कि यदि उसे गठबंधन में पीएम का पद नहीं मिलता है, तब भी उसे कोई समस्या नहीं होगी। कांग्रेस के सीनियर लीडर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पार्टी का एकमात्र उद्देश्य एनडीए को केंद्र में एक बार फिर से सरकार गठन से रोकना है।
आजाद ने कहा, 'हम पहले ही अपना स्टैंड क्लियर कर चुके हैं। यदि कांग्रेस के पक्ष में सहमति बनती है तो हम नेतृत्व स्वीकार करेंगे। लेकिन, हमारा लक्ष्य हमेशा यह रहा है कि एनडीए की सरकार सत्ता में वापस नहीं लौटनी चाहिए। हम सर्वसम्मति से लिए गए फैसले के साथ जाएंगे।' कांग्रेस लीडर का यह कहना इस बात का संकेत है कि पार्टी आम चुनाव के नतीजों को लेकर बहुत उत्साहित नहीं दिख रही है और बीजेपी को रोकने की कीमत पर गठबंधन में बड़े त्याग के लिए भी तैयार है।
कांग्रेस महासचिव ने कहा, 'जब तक हमें पीएम का पद ऑफर नहीं किया जाता है, हम इस बारे में कुछ नहीं कहेंगे और किसी के भी जिम्मेदारी संभालने पर ऐतराज नहीं होगा।' बता दें कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को विपक्ष को चुनौती देते हुए कहा था कि यदि उसे आम चुनाव में जीत का भरोसा है तो पीएम पद के अपने उम्मीदवार का ऐलान करे।
कपिल सिब्बल ने कहा था, कांग्रेस को नहीं मिलेगा बहुमत
पिछले दिनों कांग्रेस के सीनियर लीडर कपिल सिब्बल ने कहा था कि उनकी पार्टी को बहुमत मिलने का चांस नहीं है। एक इंटरव्यू में कांग्रेस नेता ने कहा था कि कांग्रेस को अपने दम पर बहुमत मिलने का चांस नहीं है, लेकिन कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए गठबंधन की सरकार बन सकती है। यही नहीं कपिल सिब्बल ने कहा कि यदि कांग्रेस को आम चुनाव में 272 सीटें मिलती हैं तो फिर राहुल गांधी को पीएम पद के लिए नामित करना चाहिए।