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कोरोना को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिया ये निर्देश

Arun Mishra
1 April 2020 3:19 AM GMT
कोरोना को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिया ये निर्देश
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सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में कहा कि सरकार यह भी सुनिश्चित करेंगे कि जिन लोगों का प्रवास आपने बंद किया है उन सभी को भोजन, आश्रय, पोषण और चिकित्सा सहायता के मामले में ध्यान रखा जाए और कोरोना की जानकारी के लिए केंद्र सरकार 24 घंटे में पोर्टल स्थापित करेंगे।

NAEE दिल्ली : कोरोना वायरस को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में कहा कि सरकार यह भी सुनिश्चित करेंगे कि जिन लोगों का प्रवास आपने बंद किया है उन सभी को भोजन, आश्रय, पोषण और चिकित्सा सहायता के मामले में ध्यान रखा जाए और कोरोना की जानकारी के लिए केंद्र सरकार 24 घंटे में पोर्टल स्थापित करेंगे।

दिल्ली से अपने घरों के लिए दूसरे राज्यों को पलायन कर रहे मज़दूरों को भोजन, परिवहन, मेडिकल सहित अन्य पर्याप्त सुविधाएँ उपलब्ध कराने की माँग वाली याचिका पर केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पाँच जनवरी को भारत में कोरोना वायरस पहुँचा था और सरकार ने 17 जनवरी से इसके ख़िलाफ़ तैयारियाँ शुरू कर दी थी।

सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि पलायन करने वाले 10 लोगों में से 3 के संक्रमित होने की आशंका है। जिसपर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि देश के गांवों में अभी तक कोरोना संक्रमण नहीं पहुंचा है, लेकिन शहरों से गांव की तरफ हुए पलायन से इसकी आशंका बढ़ गयी है। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार का दावा कि अब पलायन पर रोक लग गयी है। अब कोई भी सड़क पर नहीं है। सरकार ने बताया कि इस दौरान 6 लाख 63 हज़ार लोगों को आश्रय दिया गया है और 22 लाख 88 हज़ार लोगों तक भोजन और दूसरी ज़रूरी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं।

केंद्र सरकार ने कहा कि कोरोना को लेकर फैलायी जा रही फेक न्यूज़ एक बड़ी समस्या है। जिसपर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी करते हुए कहा कि लोगों में पैनिक, कोरोना वायरस से अधिक खतरनाक है, यह कोरोना से अधिक ज़िंदगी तबाह कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम एक आदेश पारित कर रहे हैं कि कोरोना की जानकारी के लिए केंद्र सरकार 24 घंटे में पोर्टल स्थापित करेंगे। सरकार यह भी सुनिश्चित करेंगे कि जिन लोगों का प्रवास आपने बंद किया है उन सभी को भोजन, आश्रय, पोषण और चिकित्सा सहायता के मामले में ध्यान रखा जाए। विभिन्न हाई कोर्ट में कोरोना पर दायर याचिकाओं की सुनवाई पर रोक लगाने की केन्द्र सरकार की माँग को सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट अपने राज्य की समस्या को और बेहतरी से समझ सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि कैंपों में रखे गए लोगों की चिंता कम करने के लिए सभी धर्म सम्प्रदाय के नेताओं और धर्म गुरुओं की सहायता ली जाय, इससे उनमें पैनिक कम किया जा सकेगा।

इससे पहले सुनवाई में सोलिसिटर जनरल ने कहा कि देशभर के एयरपोर्ट पर 15.5 लाख और सीपोर्ट पर 12 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की गई है, इन 28 दिनों में 3,48,000 लोगों की निगरानी की जा रही है।

याचिकाकर्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को राज्यों को निर्देश पारित करना चाहिए । जस्टिस जे नागेश्वर राव ने कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम में राज्यों और जिलों के लिए प्रावधान हैं जो केंद्रीय प्राधिकरण के निर्देशों को पूरा करने के लिए बाध्य हैं। हमें राज्यों को विशिष्ट आदेश पारित करने की आवश्यकता नहीं है। याचिकाकर्ता ने बरेली में प्रवासियों पर कैमिकल छिडकाव का जिक्र किया। सुनवाई अगले मंगलवार को 12.15 बजे होगी।

Arun Mishra

Arun Mishra

Sub-Editor of Special Coverage News

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