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बाल यौन शोषण के पीडि़तों को तय समय पर न्याय सुनिश्चित करने के लिए कैलाश सत्यार्थी के साथ एकजुट हुए कॉरपोरेट जगत के दिग्गज
नई दिल्ली। कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन (केएससीएफ) द्वारा बाल यौन शोषण और बलात्कार के शिकार बच्चों के लिए न्याय सुनिश्चित करने को शुरू किए गए 'जस्टिस फॉर एवरी चाइल्ड' अभियान को विश्व प्रसिद्ध आईटी कंपनी इनफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति, पीरामल ग्रुप के अध्यक्ष श्री अजय पीरामल, बजाज फिनसेर्व के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री संजीव बजाज, गोदरेज समूह के आदि गोदरेज जैसे शीर्ष भारतीय कॉरपोरेट हस्तियों ने खुलकर कर अपना समर्थन दिया है। इन शीर्ष हस्तियों ने न केवल इस अभियान के सरोकारों और उद्देश्यों की सराहना की है, बल्कि व्यापारिक जगत के अन्य शीर्ष नेताओं से यह भी आग्रह किया है कि हमें इसके समर्थन के लिए इसलिए भी आगे आना चाहिए, क्योंकि बाल यौन शोषण एक राष्ट्रीय संकट बन गया है और इस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।
गौरतलब है कि केएससीएफ ने बाल यौन शोषण और बलात्कार के शिकार बच्चों और उनके परिवारों को तय समय पर न्याय, स्वास्थ्य सहायता और पुनर्वास सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए देशव्यापी 'जस्टिस फॉर एवरी चाइल्ड' अभियान को शुरू किया है। साल भर चलने वाले इस अभियान को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी और हिंदी फिल्मों के मशहूर अभिनेता-निर्देशक और अभियान के ब्रांड अम्बेसडर श्री फरहान अख्तर द्वारा रविवार की शाम को एनडीटीवी पर लॉच किया गया।
"जस्टिस फॉर एवरी चाइल्ड" अभियान देश के उन 100 जिलों में चलाया जाएगा जो बाल उत्पीडन और बच्चों के बलात्कार के दृष्टिकोण से अति संवेदनशील हैं। इसका लक्ष्य बच्चों के यौन उत्पीडन के मामले में इन 100 जिलों में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत चल रहे कम से कम 5000 मामलों में बच्चों को तय समय में त्वरित न्याय दिलाना है। इस अवधि के दौरान केएससीएफ यौन शोषण और बलात्कार के पीडि़त बच्चों को कानूनी और स्वास्थ्य सुविधाएं, पुनर्वास, शिक्षा और कौशल विकास के अवसरों की सुविधाएं प्रदान करेगा। बाल यौन शोषण के पीडि़तों और उनके परिवारों को विशेष रूप से मानसिक स्वास्थ्य सहायता भी संगठन मुहैया कराएगा। इस दौरान केएससीएफ लोगों को "बाल मित्र" बनाने की प्रक्रिया के तहत न्यायपालिका और प्रशासनिक प्रणालियों से संबंधित हितधारकों को संवेदनशील बनाने के लिए बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण कार्यशालाओं का भी आयोजन करेगा।
अभियान को लॉच करते हुए फरहान अख्तर ने कहा, "बाल यौन शोषण के मुद्दे के बारे में जागरुकता बढ़ाना महत्वपूर्ण है। लेकिन उसके साथ ही यह भी महत्वपूर्ण है कि लोग बाल यौन शोषण के प्रति चिंतित रहें और खतरों को फिर से उभरने नहीं दें। इस संकट को सभी को व्यक्तिगत रूप से महसूस करना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि अभियान का हिस्सा बनने पर वह बदलाव कर सकें। हमें बच्चों के लिए बेहतर माहौल बनाने की आवश्यकता है और त्वरित न्याय दिलाना अभियान का उद्देश्य है।"
इस अवसर पर नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित श्री कैलाश सत्यार्थी ने कहा, "हमें बाल यौन शोषण के खिलाफ इस लड़ाई में तत्परता के साथ एकजुट होकर काम करना होगा। मैं यह मानने से इनकार करता हूं कि बच्चों के खिलाफ सामूहिक रूप से जघन्य अपराध को हम रोक नहीं सकते। हम अपने बच्चों के लिए व्यवस्था या तंत्र को मजबूत करने में सहायता करना चाहते हैं। हम बच्चों के उत्पीड़न और उनके परिवारों पर होने वाले उसके असर को समाप्त करने को तत्पर हैं। मुझे विश्वास है कि यह अभियान इस दिशा में आगे बढ़ेगा।"
बजाज फिनसेर्व के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक संजीव बजाज ने कहा, "बाल यौन शोषण की समस्या बहुत गंभीर है। हमें उन सभी बच्चों को शिक्षा, सुरक्षा और पुनर्वास देने की आवश्यकता है, जो बाल शोषण के शिकार हैं। एक बच्चा जिसको जबरन श्रम, दुर्व्यापार, यौन शोषण के दलदल में धकेला जाता है, उससे न केवल उनका भविष्य खराब होता है बल्कि वह हमें भी अपनी जिम्मेदारी की याद दिलाता है कि बच्चों को सुरक्षित करने के लिए बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। हम अभियान का समर्थन करते हैं।''
विश्व प्रसिद्ध आईटी कंपनी इनफोसिस के संस्थापक श्री नारायण मूर्ति ने कहा, "कैलाशजी के शब्दों में कहूं तो बाल यौन शोषण के केवल 34 से 35 प्रतिशत मामलों में ही न्याय मिल पाता है। हमें सांस्कृतिक परिवर्तन के साथ-साथ अपराधियों के लिए कठोर और तेज सजा के नियमों की आवश्यकता है। यह अपराध पर अंकुश लगाने और पीड़ितों एवं उनके परिवारों के दर्द और आघात को कम करने में मदद कर सकता है। पीड़ितों और उनके परिवारों को नैतिक और वित्तीय सहायता प्रदान करने की आवश्यकता है।''
पीरामल ग्रुप के अध्यक्ष अजय पीरामल ने कहा, ''समाज के कमजोर वर्गों के बीच शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण के महत्व पर प्रकाश डालना, न केवल जागरुकता बढ़ाने के लिए जरूरी है बल्कि महिलाओं को सशक्त बनाने और समाज में उनकी स्थिति को ऊपर उठाने के ख्याल से भी महत्वपूर्ण है।'' उन्होंने अपनी बात को दोहराते हुए कहा कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो कोरोना महामारी का विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा। स्कूलों से बाहर हो जाने वाले जो 1 करोड 50 लाख बच्चे हैं, उनमें से आधे गरीबी रेखा से नीचे हैं और उनका सबसे अधिक ट्रैफिकिंग और शोषण होने का खतरा है।
विवेक गंभीर और मदन बहल जैसी अन्य कॉरपोरेट हस्तियों ने भी अभियान को अपना समर्थन दिया है। इस अवसर पर बाल श्रम और उत्पीड़न से मुक्त दो युवा कार्यकर्ता श्री अमरलाल और सुश्री पायल जांगिड ने भी अपने अनुभव साझा किए और अपने जीवन को बदलने के लिए कैलाश सत्यार्थी और केएससीएफ को धन्यवाद दिया।
गौरतलब है कि केएससीएफ लंबे समय से बाल यौन शोषण के खिलाफ अभियान चला रहा है। संगठन ने 2017 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी के नेतृत्व में बाल यौन शोषण और ट्रैफिकिंग (दुर्व्यापार) के खिलाफ देशव्यापी 'भारत यात्रा' का भी आयोजन किया था।