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किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी, मोदी सरकार ने फसल लोन के ब्याज को लेकर लिया बड़ा फैसला
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केंद्र की मोदी सरकार ने कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये लागू लॉकडाउन के मद्देनजर किसानों को फसल ऋण पर ब्याज में दो प्रतिशत की छूट तथा त्वरित भुगतान पर तीन प्रतिशत के प्रोत्साहन को 31 अगस्त 2020 तक जारी रखने का निर्णय लिया है. अप्रैल में ब्याज में छूट और त्वरित पुनर्भुगतान प्रोत्साहन को मई अंत तक के लिये बढ़ाया गया था. रिजर्व बैंक ने एक अधिसूचना में बैंकों को कहा कि वे किसानों को अल्पावधि के फसल ऋण पर इन दो योजनाओं का लाभ दें.
रिजर्व बैंक ने छूट को तीन महीने बढ़ाने की स्वीकृति दी थी
इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने 23 मई 2020 को सभी ऋण देने वाली संस्थाओं को कर्ज की किस्तों के भुगतान से छूट (मोरेटोरियम) (Moratorium Period) को तीन महीने बढ़ाने की स्वीकृति दी थी. रिजर्व बैंक ने अधिसूचना में कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिये कि मोरेटोरियम की बढ़ी अवधि के दौरान किसानों को अधिक ब्याज का भुगतान नहीं करना पड़े, सरकार ने 31 अगस्त 2020 तक किसानों को दो प्रतिशत ब्याज छूट और तीन प्रतिशत त्वरित भुगतान प्रोत्साहन देते रहने का निर्णय लिया है.
टैफे ने की एक लाख एकड़ जमीन पर खेती में छोटे किसानों की मदद
कृषि उपकरण बनाने वाली कंपनी ट्रैक्टर्स एंड फार्म इक्विपमेंट लिमिटेड (टैफे) ने मुफ्त ट्रैक्टर रेंटल सेवा के जरिये पिछले दो महीने में एक लाख एकड़ से अधिक जमीन पर खेती में छोटे किसानों की मदद की है. कंपनी ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि इस सेवा की राजस्थान, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में काफी मांग देखने को मिल रही है. कंपनी ने कहा कि इस पेशकश के तहत वह जेफार्म सर्विसेज प्लेटफॉर्म के माध्यम से छोटे किसानों की मदद के लिये मुफ्त ट्रैक्टर रेंटिंग सेवाएं दे रही है। यह पेशकश 90 दिनों के लिये है और यह 30 जून 2020 तक उपलब्ध है. कंपनी का दावा है कि अभी तक इस सेवा का लाभ उठाकर छोटे किसान एक लाख एकड़ से अधिक रकबे में खेती कर चुके हैं.
कंपनी ने बताया कि इस पेशकश के तहत जेफार्म सर्विसेज प्लेटफॉर्म पर 38,900 मैसी फर्ग्यूसन और आयशर ट्रैक्टर्स तथा 1,06,500 अन्य उपकरणों का पंजीकरण हुआ. छोटे किसानों ने इन्हें जेफार्म सर्विसेज के माध्यम से किराये पर लिया. कंपनी ने छोटे किसानों के बदले किराये का भुगतान अपनी तरफ से ट्रैक्टर व उपकरण मालिकों को किया। इससे छोटे किसानों के साथ ही ट्रैक्टर मालिकों को भी लाभ हुआ.