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CoronaVirus : देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 830 के पार, 20 की मौत

Arun Mishra
28 March 2020 3:02 AM GMT
CoronaVirus : देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 830 के पार, 20 की मौत
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देशभर में बडे शहरों से पलायन कर रहे प्रवासी मजदूरों का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है

देश में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या बढ़कर 830 के पार चली गई है. जबकि अब तक इस वायरस से 20 लोगों की जान गई है. मरीजों की संख्या लगातार तेजी से बढ़ रही है. उधर लॉकडाउन का आज चौथा दिन है, लेकिन देश के कई हिस्सों में मजदूरों का पलायन चिंता का सबब बन गया है. मजदूर पैदल ही अपने परिवार के साथ गृह राज्य लौट रहे हैं. इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है, जिसमें मांग की गई है कि कोर्ट प्रशासन को आदेश दे कि इन लोंगों को हर जगह शेल्टर होम में रखकर तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं.

लॉकडाउन का आज चौथा दिन है. ऐसे में शहर की सभी दुकानें बंद हैं. इस वजह से स्ट्रीट पर रहने वाले लोगों के सामने खाने-पीने की भारी दिक्कत सामने आ रही है. दिल्ली में रह रहे कई स्थानीय लोग, अब इस मुश्किल घड़ी में उनकी मदद के लिए सामने आ रहे हैं बंगला साहिब गुरुद्वारा के बाहर कई लोगों ने स्टॉल लगाकर जरूरतमंद लोगों को खाना उपलब्ध कराया है.

पीएम मोदी ने सीएम ममता बनर्जी से की बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार शाम को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से फोन पर बातचीत की. उन्होंने राज्य सरकार द्वारा COVID-19 के प्रसार को रोकने के लिए उठाए गए कदम की सराहना की. इस दौरान मोदी ने कोरोना वायरस प्रकोप की पृष्ठभूमि में राज्य की मौजूदा स्थिति का भी जायजा लिया. दोनों नेताओं के बीच करीब 10 मिनट बातचीत हुई. सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी बनर्जी को फोन किया और राज्य के हालात का जायजा लिया.

SC से गुहार- प्रवासी मजदूरों की मदद करे सरकार

देशभर में बडे शहरों से पलायन कर रहे प्रवासी मजदूरों का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर दिशा- निर्देश जारी करने की मांग की गई है.वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने याचिका में कहा है कि कोरोना के चलते लॉकडाउन होने से हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर अपने परिवार के साथ सैंकडों किलोमीटर पैदल चल रहे हैं. इनमें बुजुर्ग, बच्चे, महिलाएं और दिव्यांग भी शामिल हैं. उनके पास ना तो रहने की सुविधा है और ना ही खाने पीने व ट्रांसपोर्ट की. इसलिए सुप्रीम कोर्ट देश भर में प्रशासन को आदेश दे कि इन लोंगों को हर जगह शेल्टर होम में रखकर सुविधाएं दी जाएं.

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