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लेह-लद्दाख जाएंगे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख जनरल, सुरक्षा तैयारियों का लेंगे जायजा।

Arun Mishra
1 July 2020 7:01 PM IST
लेह-लद्दाख जाएंगे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख जनरल, सुरक्षा तैयारियों का लेंगे जायजा।
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लेह लद्दाख में चीन से जारी तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे शुक्रवार को लेह जाएंगे

नई दिल्ली : लेह लद्दाख में चीन से जारी तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे शुक्रवार को लेह जाएंगे। लेह लद्दाख में चीन से जारी तनाव के बीच सुरक्षा तैयारियों का जायजा लेंगे।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे शुक्रवार को पूर्वी लद्दाख में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ-साथ लेह का दौरा भी करेंगे। रक्षा मंत्री और सेना प्रमुख का यह दौरा तब हो रहा जब पूर्व लद्दाख के गलवान घाटी में चीन के सात गतिरोध देखने को मिला है।

बता दें कि मंगलवार भारत और चीन के बीच कॉर्प्स कमांडर-स्तर की तीसरे दौर की बैठक 12 घंटे तक चली और रात के 11 बजे खत्म हुई। न्यूज एजेंसी एएनआई को भारतीय सेना के सूत्रों को यह जानकारी मिली है। बैठक में भारत ने फिंगर 4 से फिंगर आठ तक के क्षेत्र से चीन को तत्काल पीछे हटने को कहा है।



चीन ने एलएसी पर बढ़ाई सैनिकों की संख्या

चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने पूर्वी लद्दाख सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर करीब 20 हजार से ज्यादा सैनिकों की तैनाती की है। हालांकि, भारत उनमें से 10 से 12 हजार चीनी सैनिकों की गतिविधियों पर करीबी नजर रख रहा है जिन्हें बीजिंग ने तेज गति वाले वाहन और हथियारों के साथ शिनजियांग में महत्वपूर्ण ठिकानों पर लगा रखा है। यह सैनिक भारतीय मोर्चे पर 48 घंटे के अंदर पहुंचने में सक्षम है।

चीनी सैनिकों पर भारत की करीबी नजर

शीर्ष सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर सैनिकों के दो डिविजन (करीब 20 हजार) को तैनात कर रखा है। इसके अलावा, अन्य डिविजन (10 हजार सैनिक) को उसने उत्तर-पूर्वी जिनजियांग प्रांत में मोर्चे से करीब 1 हजार किलोमीटर की दूरी पर लगा रखा है, लेकिन चीन की तरफ समतल होने के कारण वे हमारे मोर्चे पर 48 घंटे में पहुंच सकते है। सूत्रों ने बताया कि भारतीय क्षेत्र के पास तैनात पीएलए के साथ ही हम सैनिकों की मूवमेंट पर भी करीबी नजर रख रहे हैं।

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