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चीन से तनाव के बीच भारत की रूस से बड़ी डील, खरीदे जाएंगे 33 फाइटर प्लेन

Arun Mishra
2 July 2020 5:11 PM IST
चीन से तनाव के बीच भारत की रूस से बड़ी डील, खरीदे जाएंगे 33 फाइटर प्लेन
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ही व्लादिमीर पुतिन से बात की थी।

नई दिल्ली : लद्दाख में चीन से तनातनी के बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन की फोन पर बातचीत हुई। इस बातचीत के बाद दोनों देशों के बीच एक बड़े रक्षा सौदे की जानकारी दी गई है। इसमें रक्षा मंत्रालय ने रूस से 33 फाइटर जेट खरीदने का ऐलान किया है। इसके लिए कुल बजट 18 हजार 148 करोड़ रखा गया है। इसमें भारत अपने दोस्त रूस से सुखोई-30 और मिग-29 विमान खरीदेगा। बता दें कि आज ही पीएम नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने फोन पर भी बात की थी। पुतिन ने कहा भी था कि भारत और रूस के बीच सामरिक सबंध और मजबूत होंगे।

मिली जानकारी के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय ने रूस से 33 नए फाइटर जेट खरीदने को मंजूरी दी है। इसमें 12 सुखोई-30 विमान और 21 मिग-29 भी शामिल हैं। इसके साथ ही पहले से मौजूद 59 मिग-29 को अपग्रेड भी करवाया जाएगा। इस पूरे पॉजेक्ट की कुल लागत 18,148 करोड़ रुपये बताई गई है।

क्षा मंत्रालय ने 248 एस्ट्रा एयर मिसाइल की खरीदी की भी इजाजत दी। यह भारतीय एयर फोर्स और नेवी दोनों के काम आ सकेगी। इसके साथ ही DRDO द्वारा बनाई गई एक हजार किलोमीटर रेंज वाली क्रूज मिसाइल के डिजाइन को भी मंजूरी मिल गई है।



जुलाई में राफेल भी आ रहा

चीन से तनाव के बीच 27 जुलाई को 6 राफेल विमानों की पहली खेप भारत पहुंच जाएगी। दुनिया की सबसे घातक मिसाइलों और सेमी स्‍टील्‍थ तकनीक से लैस इन विमानों के भारतीय वायुसेना में शामिल होने से देश की सामरिक शक्ति में जबरदस्त इजाफा होगा। भारत आने वाले राफेल फाइटर जेट्स में दुनिया की सबसे ऑधुनिक हवा से हवा में मार करने वाली मीटिअर मिसाइल भी लगी होगी। 6 राफेल जेट फ्रांस के बोर्डोक्स से भारत उड़कर ही आएंगे।

पीएम मोदी और पुतिन ने की फोन पर बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ही व्लादिमीर पुतिन से बात की थी। उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध में जीत की 75वीं वर्षगांठ पर रूस को बधाई दी। इसके साथ ही रूस को 2036 तक के लिए राष्ट्रपति चुने जाने की बधाई भी दी। ऐसा संविधान में संसोधन के बाद हुआ है। रूस में पिछले दिनों इसके लिए वोटिंग हुई थी, जिसके नतीजे अब आ गए हैं। रूस ने कहा कि भारत और रूस के बीच सामरिक सबंध और मजबूत होंगे। चीन से गतिरोध के बीच पुतिन का यह बयान अहम है। जीत के बाद पुतिन को फोन मिलानेवाले मोदी पहले ग्लोबल लीडर थे।

Arun Mishra

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Sub-Editor of Special Coverage News

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