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दिल्ली नारेबाजी मामला:ओवैसी ने जताई आपत्ति,दिल्ली पुलिस ने दर्ज की FIR
नई दिल्ली:सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है.वीडियो में कुछ शरारती तत्व एक विशेष समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल कर जमकर नारेबाजी कर रहे है.यह वीडियो दिल्ली के जंतर मंतर के आसपास का बताया जा रहा है.जहा बीते रविवार को भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ पर 'भारत जोड़ो आंदोलन' नामक एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था.जिसकी अगुवाई अश्विनी उपाध्याय कर रहे थे.इस कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए थे.इनमे से ही कुछ लोगों ने वही पर विशेष समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक नारे लगाए.प्रदर्शनकारियों ने 'हिन्दुस्तान में रहना होगा, जय श्रीराम कहना होगा' और 'जब मुल्ले काटे जाएंगे, राम-राम चिलाएंगे' जैसे नारे लगाए। हालांकि, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद दिल्ली पुलिस ने अब इस संबंध में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
वही अब इस पूरे मामले पर अब एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस नारेबाजी पर आपत्ति जताई है.और उन्होंने एक बाद एक ट्वीट कर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है.ओवैसी ने सोमवार को ट्वीट कर लिखा, ''पिछले जुम्मे को द्वारका में हज हाउस के विरोध में एक 'महापंचायत' बुलाई गई। हस्ब-ए-रिवायत, इस पंचायत में भी मुसलमानों के खिलाफ पुर-तशद्दुद् नारे लगाए गए। जंतर-मंतर मोदी के महल से महज 20 मिनट की दूरी पर है, कल वहां "जब मुल्ले काटे जाएंगे..." जैसे घटिया नारे लगाए गए।''
''पिछले साल मोदी के मंत्री ने "गोली मारो" का नारा लगाया था और उसके तुरंत बाद उत्तर-पूर्व दिल्ली में मुसलमानों का खुले आम नरसंहार हुआ। ऐसी भीड़ और ऐसे नारे देख कर भारत का मुसलमान सुरक्षित कैसे महसूस कर सकता है?''
''आखिर, इन गुंडों की बढ़ती हिम्मत का राज क्या है? इन्हें पता है कि मोदी सरकार इनके साथ खड़ी है। 24 जुलाई को भारत सरकार ने रासुका (NSA) के तहत दिल्ली पुलिस को किसी भी इंसान को हिरासत में लेने का अधिकार दिया था। फिर भी दिल्ली पुलिस चुप चाप तमाशा देख रही है।''
''ऐसे हालात बन चुके हैं कि इंसाफ और कानूनी कार्रवाई की मांग करना भी मजाक बन चुका है। लोकसभा में आज इस पर चर्चा होनी चाहिए, वजीर-ए-दाखला की जवाबदेही होनी चाहिए। मैंने इस मुद्दे पर लोकसभा के रूल्स के मुताबिक स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है।''
वही दिल्ली पुलिस के अधिकारी ने कहा कि रविवार को दिल्ली में जंतर मंतर के पास "अंग्रेजी कानून हटाओ और एक समान कानून बनाओ" नामक एक कार्यक्रम में कथित रूप से भड़काऊ नारे लगाने के बाद कानून की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस मामले की जांच चल रही है।