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डॉ कुमार ने पेश की एक मिशाल, कोरोना में लोंगों का जीत लिया विश्वास
इस समय पूरे देश में कोरोना की दूसरी वेब से हाहाकार मचा हुआ है. लाखों की संख्या में कोरोना संक्रमित मरीज और उनके परिजन सोशल साइट्स के जरिए सरकार और अधिकारियों से मदद की गुहार लगा रहे हैं. जिनमें से कुछ लोग भाग्यशाली हैं, जिनको मदद मिल भी जा रही है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनको निराशा भी हाथ लगती है. इस समय कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण के कारण कई मरीजों का ना तो ठीक से इलाज हो रहा है और ना ही अस्पताल में बेड ही मिल पा रहे हैं. ऐसे लाचार बेबश लोगों की मदद के लिए देश के बड़े-बड़े शख्सियतों ने हाथ आगे बढ़ाया है.
ऐसे में हिंदी के प्रसिद्ध कवि और सोशल मीडिया पर हमेशा सक्रिय रहने वाले डॉ कुमार विश्वास भी काफी तादात में लोगों की मदद कर रहे हैं. इस समय कुमार विश्वास की टीम पूरी रात काम कर रही है. डॉ कुमार ऐसा नहीं है कि लोंगों की मदद दिल्ली या एनसीआर में कर रहे हो बल्कि देश के प्रत्येक राज्य में कर रहे है. इस तरह डॉ कुमार ने एक बड़ी मिशाल कायम की है. जिस दौर में देश में निराशा का माहौल हो उस समय कुमार ने एक पॉजिटिव काम करके एक बड़ा संदेश दिया है. हाथ से हाथ मिलाकर काम कारने का यह संदेश काफी जान बचाने में कामयाब होगा.
कुमार विश्वास ऐसे कर रहे हैं लगातार कोरोना संक्रमितों की मदद
डॉ कुमार विश्वास कोरोना संक्रमितों की मदद के लिए ट्विटर पर लोगों से अपील कर रहे हैं और अपनी टीम के माध्यम से अधिकारीयों से बातचीत कर रहे है. कई बार जरुरत पड़ने पर खुद भी संबंधित अधिकारियों से बात कर रहे हैं. इस दौरान कुमार विश्वास को खट्टे-मीठे अनुभव मिल रहे हैं. मंगलवार की है बात जब कुमार विश्वास ने एक कोरोना मरीज को बेड दिलाने के लिए यूपी के आईएएस अधिकारी को फोन किया तो वे अधिकारी ने उन्हें बेहद ही बेरुखे अंदाज में कहा कि आप कवि हैं, कवि रहिए और सरकार को अपना काम करने दीजिए.यूपी के इस आईएएस अधिकारी ने कुमार विश्वास से कहा कि कौन हैं आप? क्या आप एमपी हैं? मंत्री हैं? मेरे सीनियर हैं? आपके कहने पर मरीज को बेड दिलाऊँ? आप कवि हैं और कवि ही रहिए. किसे बेड देना है किसे नहीं सरकार को पता है.
कवि कुमार विश्वास भी लोगों को मदद कर रहे हैं. विश्वास लगातार अपने ट्वीटर हैंडल से ट्वीट कर रहे हैं. विश्वास चाहे रेमडेसिविर दवाई हो या किसी अन्य चीजों के लिए भी लोगों से सोशल मीडिया के जरिए मदद मांग रहे हैं. विश्वास ने दो दिन पहले ही अपने ट्वीट में एक खास दवा के लिए मदद मांगी थी. लेकिन, इस पर उन्हें कॉल-112 के ट्वीटर हैंडल से उन्हें 112 नंबर पर कॉल करने को कहा गया.
कुमार के इस काम पर लोग धन्यवाद दे रहे है.
इस पर एक अन्य यूजर ने लिखा कि कॉल-112 को यह भी पोस्ट करना चाहिए कि अभी तक उसने कितने आपातकालीन कॉल पर जरूरतमंदों को मदद पहुंचाई है. इसी तरह एक और यूजर ने लिखा कि सरकारी हेल्पलाइन के चक्कर में मेरे दोस्त की एचआरसीटी वैल्यू 2 से 10 हो गई, लेकिन न तो सरकारी मदद आई और न ही सरकारी हेल्पलाइन पर फोन ही उठा.