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सरकाए ने दी राहत : सभी इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 नवंबर, 2020 तक बढ़ाई गई

Arun Mishra
13 May 2020 8:22 PM IST
सरकाए ने दी राहत : सभी इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 नवंबर, 2020 तक बढ़ाई गई
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते वित्त वर्ष (2019-20) के सभी आयकर रिटर्न फाइल करने की समय सीमा को बढ़ा दिया है.

नई दिल्ली : कोरोनावायरस संकट देखते सरकार ने आयकरदाताओं को रिटर्न फाइल करने को लेकर राहत दी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते वित्त वर्ष (2019-20) के सभी आयकर रिटर्न फाइल करने की समय सीमा को बढ़ा दिया है. वित्तवर्ष 2019-20 के सभी इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि को 31 जुलाई, 2020 तथा 31 अक्टूबर, 2020 से 30 नवंबर, 2020 तक बढ़ाया गया है. यही नहीं, टैक्स ऑडिट की समयसीमा को भी 30 सितंबर से बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2020 किया गया है.

वित्त मंत्री ने चैरिटेबल ट्रस्ट और नॉन कॉरपोरेट व्यवसाय समेत प्रॉपराइटरशिप, पार्टनरशिप, एलएलपी और सहकारी समितियों के सभीं लंबित रिफंड का तत्काल प्रभाव से भुगतान करने को कहा है. सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 'विवाद से विश्वास' योजना स्कीम की मियाद को बढ़कार 31 दिसंबर 2020 किया गया है.



सीतारमण ने कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) के मोर्चे पर भी कदम उठाए हैं. कोरोना संकट को देखते हुए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत EPF में 12-12 प्रतिशत (नियोक्ता और कर्मचारी) योगदान की सुविधा को अगले तीन महीने जून जुलाई और अगस्त के लिए बढ़ाया गया है. पहले यह सुविधा मार्च-अप्रैल-मई महीने के लिए थी. सरकार की इस ऐलान का फायदा सिर्फ उन्हीं कंपनियों को मिलेगा, जिनके पास 100 से कम कर्मचारी हैं और 90 फीसदी कर्मचारी की सैलरी 15,000 रुपये से कम है. इससे 2500 करोड़ रुपये का लाभ मिलेगा. 72.22 लाख कर्मचारियों को इसका फायदा होगा.

वित्त मंत्री ने कहा कि कंपनियों और कर्मचारियों के हाथ में ज्यादा पैसे देने के मद्देनजर ईपीएफ में नियोक्ता और कर्मचारी दोनों के योगदान में कटौती की गई है. ईपीएफ में योगदान 12-12 प्रतिशत से कम करके 10-10 प्रतिशत अगले 3 महीने के लिए किया गया है. हालांकि, सार्वजनिक उपक्रमों में नियोक्ता के अंशदान के रूप में 12 प्रतिशत का योगदान जारी रहेगा.

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