राष्ट्रीय

नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता तलब, मल्लिकार्जुन खड़गे से दो घंटे से ईडी दफ्तर में पूछताछ जारी

Arun Mishra
11 April 2022 2:07 PM IST
नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता तलब, मल्लिकार्जुन खड़गे से दो घंटे से ईडी दफ्तर में पूछताछ जारी
x
नेशनल हेराल्ड केस में प्रर्वतन निदेशालय कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रहा है.

नई दिल्ली : नेशनल हेराल्ड मामले (National Herald Case) में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से सोमवार को पूछताछ की. ईडी ने उन्हें नोटिस भेजकर उपस्थिति होने को कहा था. वह सोमवार सुबह 11 बजे प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर पहुंचे. इस केस में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी आरोपी हैं. नेशनल हेराल्ड केस में प्रर्वतन निदेशालय कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रहा है.

यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (Young India Housing Pvt. Ltd) ने कांग्रेस पर एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (Associated Journal Limited) के अधिग्रहण में धोखाधड़ी, साजिश और आपराधिक विश्वासघात का आरोप लगाया गया है. पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1937 में एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड बनाया था, जिसने तीन अखबार निकालने शुरू किए. हिंदी में नवजीवन, उर्दू में कौमी आवाज़ और अंग्रेज़ी में नेशनल हेराल्ड. साल 2008 आते-आते एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड ने फैसला किया कि अब वह अखबार नहीं छापेगा.

पंडित नेहरू ने 1937 में एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड बनाया

एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड पर 90 करोड़ रुपयों का कर्ज चढ़ चुका था. आरोप है कि साल 2010 में, कांग्रेस ने 50 लाख के निवेश से यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक नॉट-फॉर-प्रॉफिट कंपनी बनाई, जिसमें 76% हिस्सेदारी राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी की थी. बाकी 24% की हिस्सेदारी मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस की थी, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं. वित्तीय चुनौतियों से जूझ रहे एजेएल का अधिग्रहण यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (YIL) ने किया था. सुमन दुबे और टेक्नोक्रेट सैम पित्रोदा YIL के निदेशक थे.

सुब्रमण्यम स्वामी 2012 में इस मामले को अदालत लेकर गए

साल 2012 में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने अदालत में एक जनहित याचिका फाइल की. उन्होंने कांग्रेस पर नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करने वाली कंपनी एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड के अधिग्रहण में धोखाधड़ी का आरोप लगाया. सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी जनहित याचिका में अदालत से कहा कि मात्र 50 लाख रुपए खर्च करके 90 करोड़ रुपयों की वसूली कर ली गई. इनकम टैक्स एक्ट के हिसाब से कोई भी राजनीतिक पार्टी किसी थर्ड पार्टी के साथ पैसों का लेन-देन नहीं कर सकती. स्वामी ने कोर्ट से कहा कि कांग्रेस ने पहले यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को 90 करोड़ का लोन दिया, जिस पैसे से इस कंपनी एजेएल का अधिग्रहण किया, फिर अकाउंट बुक्स में हेर-फेर करके उस रकम को 50 लाख दिखा दिया. यानी 89 करोड़ 50 लाख रुपए माफ कर दिए गए.

सुब्रमण्यम स्वामी ने कोर्ट में आरोप लगाया कि एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड ने अखबार छापना बंद करके प्रॉपर्टी का काम शुरू कर दिया. यानी वह एक रियल एस्टेट फर्म बन गई, जो दिल्ली, लखनऊ और मुंबई में बिजनेस कर रही थी. स्वामी का आरोप है कि एजेएस की जितनी भी संपत्तियां थीं, वे सभी कांग्रेस नेताओं ने अपने नाम करा लीं. क्योंकि एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड को यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड खरीद चुकी थी, जो राहुल गांधी और सोनिया गांधी की कंपनी थी. अनुमान के मुताबिक एजेएस की संपत्तियों की कीमत करीब 2000 करोड़ रुपए थी. सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी जनहित याचिका में कहा कि90 करोड़ खर्च करके 2000 करोड़ की प्रॉपर्टी कांग्रेस ने खड़ी कर दी.

इस मामले में कांग्रेस का क्या है कहना?

कांग्रेस कहती है कि यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को चैरिटी यानी दान-पुण्य के लिए बनाया गया था. उनके मुताबिक पैसों का जो लेन-देन हुआ है, वह फाइनैंशियल नहीं, बल्कि कॉमर्शियल था. यानी वित्तीय नहीं, बल्कि व्यावसायिक था. तबसे ही यह मामला अदालत में चल रहा है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी नेशनल हेराल्ड केस में जमानत पर हैं. नेशनल हेराल्ड और नवजीवन का अब प्रिंट एडिशन तो नहीं छपता, लेकिन दोनों का डिजिटल एडिशन यानी वेबसाइट उपलब्ध हैं.

Next Story