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तारीख पे तारीख? सरकार और किसानों की बैठक फिर बेनतीजा, अब 15 जनवरी की मिली तारीख
नई दिल्ली : कृषि कानूनों के मुद्दे पर किसानों और सरकार के बीच आज एक और दौर की बातचीत हुई. आज की बैठक भी बेनतीजा रही. सरकार और किसान अपने-अपने रुख पर अड़े हुए हैं. सरकार ने आज की बैठक में साफ कर दिया कि वो कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी. वहीं किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं. आज की बैठक में भी कोई हल नहीं निकलने के बाद सरकार और किसान नेताओं के बीच 15 जनवरी को एक बार फिर बैठक होगी.
सरकार और किसान संगठनों के बीच बैठक खत्म हो गई है. आज की बैठक करीब 3 घंटे चली. अब 15 जनवरी को फिर सरकार और किसान नेताओं के बीच बैठक होगी. आज की बैठक में सरकार ने किसानों को कमेटी बनाने का प्रस्ताव दिया. बैठक के बाद किसान नेता हनान मुला ने कहा कि कृषि कानून किसान विरोधी हैं. 11 जनवरी को किसान संगठनों की बैठक होगी.
सरकार के साथ जारी बैठक में किसान नेता बलवंत सिंह ने एक नोट लिखा है. सरकार से नाराज दिख रहे बलवंत सिंह ने लिखा कि या मरेंगे या जीतेंगे. वहीं, सूत्रों के हवाले से खबर है कि किसानों ने लंच नहीं किया. किसान नेता शांत हैं. आज की बैठक जल्द खत्म हो सकती है.
किसान नेताओं ने बताया कि केंद्र कानूनों को निरस्त करने के लिए तैयार नहीं है और वह चाहता है कि किसान संघ तीनों कृषि कानूनों पर चर्चा करें। दूसरी ओर, किसानों ने यह भी स्पष्ट किया है कि वे तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने से कम कुछ नहीं चाहते हैं। एक किसान नेता ने बैठक में कहा, "हमारा वापसी तभी हो सकती है जब आप कानून वापस करेंगे।"
सरकार ने किसानों को बार-बार आश्वासन दिया है कि यह उनके मुद्दों को हल करने के लिए प्रतिबद्ध है और दोनों पक्षों को सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए कदम उठाने की जरूरत है। तोमर ने दोहराया था कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और मंडी प्रणाली पहले की तरह जारी रहेगी।
पीटीआई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जब राज्य सरकारों को नए कानूनों को लागू करने की आजादी देने का कोई प्रस्ताव था, तो पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर तोमर ने नकारात्मक जवाब दिया। तोमर, खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश के साथ, सरकार के 40 किसान विरोधी नेताओं के साथ सरकार की वार्ता की अगुवाई कर रहे हैं।
किसानों के मुद्दे पर प्रियंका गांधी ने किया ट्वीट
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने किसानों के मुद्दे पर ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा कि किसान अपनी MSP के लिए आवाज उठाएगा तो उसे छज्जे गिराने की धमकी दी जाएगी. यूपी में सरकारी गड़बड़ी की वजह से 7.5 लाख से अधिक किसानों को 'सम्मान निधि' नहीं मिली लेकिन सरकार ने किसान आंदोलन रोकने के लिए नोडल अधिकारी बनाएं हैं. कांग्रेस महासचिव ने कहा कि बीजेपी किसानों का ऐसे सम्मान करती है.