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Farmers Protest 2024: क्या है केंद्र सरकार का MSP पर 5 साल वाला फॉर्मूला? जिसे किसानों ने कर दिया नामंजूर

Special Coverage Desk Editor
20 Feb 2024 4:51 PM IST
Farmers Protest 2024: क्या है केंद्र सरकार का MSP पर 5 साल वाला फॉर्मूला? जिसे किसानों ने कर दिया नामंजूर
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Farmers Protest 2024: किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। रविवार को किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच चौथे राउंड की बैठक हुई लेकिन ये बैठक भी बेनतीजा निकली। इस बैठक में कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय मौजूद रहे।

Farmers Protest 2024: किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। रविवार को किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच चौथे राउंड की बैठक हुई लेकिन ये बैठक भी बेनतीजा निकली। इस बैठक में कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय मौजूद रहे। लेकिन इस बैठक में किसानों को सरकार ने नया प्रस्ताव दिया है या फिर यूं कहा जाए तो एक 'फॉर्मूला' दिया है। दरअसल, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने किसानों के सामने MSPजो प्रस्ताव रखा है उसके बारे में जानकारी देते हुए बताया सरकारी एजेंसियां एमएसपी पर किसानों से दालें, मक्का और कपास खरीदेंगी। ये खरीद अगले पांच साल तक होगी।

उन्होंने जानकारी दी कि नेशनल कोऑपरेटिव कन्ज्यूमर फेडरेशन (NCCF) या नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन (NAFED) जैसी कोऑपरेटिव सोसाइटियां पांच साल के लिए किसानों के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट करेंगी। ये कॉन्ट्रैक्ट उन किसानों के साथ किया जाएगा, जो दाल और मक्का की फसल उगाते हैं। सरकारी एजेंसियां किसानों से अगले पांच साल तक एमएसपी पर दालें और मक्का खरीदेंगी। यही नहीं इसके अलावा इसके अलावा ये भी प्रस्ताव रखा गया है कि कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के जरिए पांच साल तक एमएसपी पर कपास खरीदा जाएगा।

खरीद की नहीं होगी सीमा

इसके अलावा केंद्र सरकार ने किसानों का गुस्सा शांत करने के लिए जो प्रस्ताव रखा है, उसकी खासियत ये है कि इस समझौते के तहत खरीद की कोई सीमा नहीं होगी। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि दालें और मक्का की खरीद की कोई सीमा नहीं होगी। यानीकि सरकारी एजेंसियां जितना चाहें उतनी खरीद कर सकती हैं। इसके साथ ही इस सबके लिए एक पोर्टल भी बनाया जाएगा। पीयूष गोयल ने बताया कि इससे पंजाब की खेती बचेगी और भूमिगत जल स्तर में भी सुधार होगा। इसके साथ ही साथ पहले से बंजर हो रही जमीन को बचाया जा सकेगा।

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