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BJP सांसद निशिकांत दुबे, मनोज तिवारी, कपिल मिश्रा समेत 7 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें- क्या है पूरा मामला
बीजेपी नेता निशिकांत दुबे मनोज तिवारी, कपिल मिश्रा समेत 7 लोगों के खिलाफ देवघर (Deoghar) में एफआईआर (FIR) दर्ज की गई है. मामला 31 अगस्त का है जब दुमका हत्याकांड के पीड़ित परिवार से मिलने और सहायता राशि सौंपने के लिए बीजेपी नेता निशिकांत दुबे, मनोज तिवारी और कपिल मिश्रा समेत कई अन्य लोग देवघर एयरपोर्ट पर चार्टड प्लेन से आए थे. इस दौरान वापसी के क्रम में विवाद को लेकर अब देवघर जिला प्रशासन और निशिकांत दुबे आमने सामने आ गए हैं.
मामले में एयरपोर्ट पर तैनात डीएसपी सुमन की और से निशिकांत दुबे समेत सात के खिलाफ देवघर एयरपोर्ट की सुरक्षा में चूक मामले को लेकर केस दर्ज किया गया है.
क्या है मामला
डीएसपी के द्वारा दर्ज करायी गई शिकायत में कहा गया है कि बीते 31 अगस्त को ये सभी लोग शाम 5:25 बजे देवघर एयरपोर्ट पहुंचे. सभी वहां लगे चार्टर्ड प्लेन के अंदर चले गए. जिसके कुछ ही देर बाद चार्टर्ड प्लेन का पायलट नीचे उतरा, और वह सीधे एटीसी की तरफ चलते हुए चले गए. उन्हें एटीसी की तरफ जाते देखकर सुरक्षा की दृष्टिकोण से मैं पायलट के पीछे चलने लगा. उल्लेखनीय है कि देवघर एयरपोर्ट पर नाइट टेक ऑफ लैंडिंग की फैसिलिटी अभी उपलब्ध नहीं है, जिस वजह से एयरक्राफ्ट को एटीसी क्लीयरेंस संभव नहीं था. जब मैं एटीसी कंट्रोल रूम पहुंचा तो कंट्रोल रूम में एयरपोर्ट के डायरेक्टर संदीप धींगरा और चार्टर्ड प्लेन के पायलट पहले से उपस्थित थे. पायलट की ओर से एटीसी कर्मियों पर दबाव डालकर बोला जा रहा था कि चार्टर्ड प्लेन के यात्रियों को आज ही वापस जाना अति आवश्यक है. इसलिए एटीसी क्लीयरेंस दिया जाये.
डीएसपी की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत में कहा है कि कुछ ही देर बाद निशिकांत दुबे समेत कई अन्य लोग एटीसी के अंदर घुसे, पायलट और यात्रियों द्वारा दबाव दिया जा रहा था कि हमें जल्दी क्लीयरेंस दिया जाये. जिसके बाद इन्हें एटीसी क्लीयरेंस मिल गया. पायलट और यात्रीगण एटीसी रूम से बाहर की ओर प्रस्थान किये. इस दौरान मै एटीसी रूम से एयरपोर्ट की सुरक्षा का अवलोकन कर रहा था. इसके थोड़ी देर बाद पायलट दोबारा चार्टर्ड प्लेन के अंदर गये. इसके बाद चार्टर्ड प्लेन टेक ऑफ कर गया.
यह सभी तथ्यों को देखते हुए स्पष्ट है कि एयरपोर्ट संचालक के सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करते हुए सभी यात्रियों द्वारा एटीसी में प्रवेश किया गया, नाइट ऑपरेशन की सुविधा उपलब्ध नहीं रहने के बावजूद यात्रियों के जानमाल की सुरक्षा को नजरअंदाज करते हुए एटीसी क्लीयरेंस के लिए दबाव बनाया गया. यात्रियों द्वारा सुरक्षा मानकों का उल्लंघन किया गया. इसलिए इन सभी लोगों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाये.