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पूर्वी लद्दाख में गलवान समेत तीन जगहों से भारत और चीन की सेनाएं पीछे हटीं
पूर्वी लद्दाख के पास वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के नजदीक भारत और चीन के बीच पिछले कुछ समय से चला आ रहा विवाद थमता नजर आ रहा है। खबर है कि पूर्वी लद्दाख में गलवान समेत तीन जगहों से भारत और चीन की सेनाएं पीछे हट गई हैं। चीन की पीपुल्स लिबेरशन आर्मी ने गलवान इलाका, पेट्रोलिंग प्वॉइंट 15 और हॉट स्प्रिंग इलाके से अपनी सेना और वाहनों को ढाई किलोमीटर पीछे लेकर चले गए हैं। भारत ने भी अपने कुछ सैनिकों की वापसी की है। सरकार के शीर्ष सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआई ने मंगलवार (9 जून) को यह जानकारी दी है।
हालिया सीमा विवाद को सुलझाने के लिए भारत और चीन के बीच कई राउंड की कूटनीतिक और सैन्य स्तर की बातचीत हो चुकी है। जिसके बाद दोनों देश तनाव कम करने और शांतिपूर्ण तरीके से विवाद के समाधान के लिए सहमत हुए हैं। इसके साथ ही दोनों देशों ने आगे बातचीत जारी रखने को भी कहा है।
दोनों सेनाओं के बीच उस समय गतिरोध शुरू हुआ जब भारत द्वारा गलवान घाटी में दारबुक-शयोक-दौलत बेग ओल्डी के साथ-साथ पेगोंग झील के आसपास फिंगर इलाके में महत्वपूर्ण सड़क का निर्माण शुरू किया गया और चीन ने इसका विरोध किया।
India and China disengage at multiple points in Eastern Ladakh. Troops and infantry combat vehicles moved back by 2.5 km by People's Liberation Army in Galwan area, Patrolling Point 15 and Hot Springs area. India has also moved some of its troops back: Top Govt Sources to ANI pic.twitter.com/2wIrBm67HD
— ANI (@ANI) June 9, 2020
5 मई को भारत और चीन की सेना में झड़प
पूर्वी लद्दाख में स्थिति तब खराब हुई जब बीते पांच मई को पेगोंग झील क्षेत्र में भारत और चीन के लगभग 250 सैनिकों के बीच लोहे की छड़ों और लाठी-डंडों से झड़प हो गई। दोनों ओर से पथराव भी हुआ था, जिसमें दोनों देशों के सैनिक घायल हुए थे। यह घटना अगले दिन भी जारी रही। इसके बाद दोनों पक्ष ''अलग" हुए, लेकिन गतिरोध जारी रहा। इसी तरह की एक अन्य घटना में नौ मई को सिक्किम सेक्टर में नाकू ला दर्रे के पास दोनों देशों के लगभग 150 सैनिकों के बीच झड़प हो गई थी। सूत्रों के अनुसार, इस घटना में दोनों पक्षों के कम से कम 10 सैनिक घायल हुए थे।
डोकलाम को लेकर भी लंबा चला था गतिरोध
वर्ष 2017 में डोकलाम तिराहा क्षेत्र में भारत और चीन के सैनिकों के बीच 73 दिन तक गतिरोध चला था, जिससे दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका उत्पन्न हो गई थी। उल्लेखनीय है कि भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा कही जाने वाली 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा को लेकर विवाद है। चीन अरुणाचल प्रदेश के दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा होने का दावा करता है, जबकि भारत का कहना है कि यह उसका अभिन्न अंग है। चीन, जम्मू कश्मीर का पुनर्गठन किए जाने और लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बनाने के भारत के कदम की निन्दा करता रहा है। लद्दाख के कई हिस्सों पर बीजिंग अपना दावा जताता है।