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पुरानी पेंशन पर पूर्व RBI गवर्नर रघुराम राजन ने दिया बड़ा बयान, बताया सरकारी कर्मचारियों को OPS या NPS क्या सही?
OPS vs NPS : पुरानी पेंशन (OPS) पर देश भर में चल रही बहस के बीच भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन (Raghuram rajan) का बड़ा बयान सामने आया है. पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है की वो पुरानी पेंशन का समर्थन नहीं करते बल्कि नई पेंशन स्कीम के साथ हैं. आपको बतादें मौजूदा समय में बीजेपी सरकार जहाँ पुरानी पेंशन स्कीम बहाली के विरोध में है तो विपक्ष की कांग्रेस सरकार इसके समर्थन में है.
देश में हाल ही में संपन्न हुए चुनावों में कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन बहाली एक प्रमुख मुद्दा रहा है. और जिस राज्य में कांग्रेस सरकार सत्ता में आई है वहां सरकार ने पुरानी पेंशन को बहक किया है. चाहे वो हिमाचल की सरकार हो या कर्नाटक की सरकार हो. राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस सरकार ने पुरानी पेंशन बहाल की थी हालाँकि यहाँ वो सत्ता से बाहर हो गए अब देखने वाली बात ये है की यहाँ पुरानी पेंशन बहाल रहती है या इसपर रोक लगती है. क्यूंकि अब यहाँ बीजेपी की सरकार सत्ता पर काबिज है.
आपको बतादें द लल्लनटॉप के चर्चित शो ‘गेस्ट इन द न्यूज़रूम’ में आए रघुराम राजन का मानना है कि सरकारी कर्मचारियों के लिए OPS की जरूरत नहीं है. इसके लिए उन्होंने तर्क भी दिया. उनका कहना है,"वो लोग, जो सरकारी नौकरियों में हैं, उनके लिए एक बड़े डायरेक्ट ट्रांसफर करने की अभी जरूरत नहीं है. सरकारी कर्मचारी आर्थिक रूप से ठीक हैसियत रखते हैं. मैं तो नई पेंशन स्कीम के पक्ष में हूं."
2004 में लागू हुई थी NPS
एनडीए (NDA) की तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेई सरकार में जनवरी 2004 में ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को रद्द करते हुए न्यू पेंशन स्कीम (NPS) लागू की गई थी. अगर दोनों में अंतर की बात करें तो OPS के तहत रिटायर होने वाले कर्मचारी की नौकरी के आखिरी महीने में मिलने वाली सैलरी का आधा वेतन देने का प्रावधान था और व्यक्ति के निधन के पास उसकी पत्नी को 30 फीसदी पेंशन दी जाती थी. वहीं इस व्यवस्था को दिसंबर 2003 से समाप्त कर दिया गया था. वहीं NPS में नौकरी के दौरान हर महीने कर्मचारी को अपनी सैलरी का 10 फीसदी जमा कराना होता है, इस जमा के साथ सरकार भी 14 फीसदी जमा करती है. रिटायमेंट के बाद पूरा जमा पैसा कर्मचारी को दे दिया जाता है.