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कोविशील्ड, कोवैक्सीन के बाद अब रूसी वैक्सीन को भी फ्रि में लगाएगी सरकार

कोविशील्ड, कोवैक्सीन के बाद अब रूसी वैक्सीन को भी फ्रि में लगाएगी सरकार
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रूसी वैक्सीन स्पूतनिक के स्टोरेज को लेकर भी समस्या है क्योंकि इसे रखने के लिए माइनस 18 डिग्री के तापमान की जरूरत होती है.

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के नए मामले लगातार कम होते जा रहे हैं महामारी पर काबू पाने के लिए लोगों का तेजी से टीकाकरण किया जा रहा है। भारत में कोरोना के खिलाफ जंग में फिलहाल दो स्वदेशी वैक्सीन कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सिन (Covaxin) का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस बीच प्राइवेट अस्पतालों में फीस लेकर रूसी वैक्सीन स्पूतनिक (Sputnik V) भी लगाई जा रही है. लेकिन अब जल्द ही लोगों को सरकारी अस्पतालों में भी फ्री स्पूतनिक वैक्सीन दी जाएगी.

रूसी वैक्सीन स्पूतनिक के स्टोरेज को लेकर भी समस्या है क्योंकि इसे रखने के लिए माइनस 18 डिग्री के तापमान की जरूरत होती है. इस बारे में डॉक्टर अरोड़ा ने बताया कि जिस तरीके से पोलियो वैक्सीन के लिए कोल्ड चेन का इंतजाम किया गया था, उसी तर्ज पर स्पूतनिक का स्टोरेज भी किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में भी इस वैक्सीन की पहुंच सुनिश्चित की जाएगी.

डॉ. एनके अरोड़ा ने बताया कि वैक्सीन की सप्लाई में बड़ा हिस्सा कोविशील्ड और कोवाक्सिन का ही है। इन दो वैक्सीन का प्रॉडक्शन बढ़ाने के अलावा, स्पूतनिक वी वैक्सीन का आना और मॉडर्ना व जायडस कैडिला की नई वैक्सीन का रोलआउट डेली कवरेज को 50 लाख से बढ़ाकर आने वाले हफ्तों में 80 लाख, यहां तक कि 1 करोड़ भी किया जा सकता है। वैक्सीनेशन की रफ्तार में आई रुकावट पर डॉक्टर अरोड़ा ने कहा कि आने वाले दिनों में फिर से इस काम में तेजी लाई जाएगी. उन्होंने बताया कि अब तक 34 करोड़ से ज्यादा डोज लगाई जा चुकी हैं।



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