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जब नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री ( Pm Narendra Modi ) बने हैं तभी से वो किसानों की आय ( Farmers Income ) बढ़ाकर दोगुनी करने का दावा करते रहे हैं। इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा ( SKM ) ने दावा किया है कि चार सूबों में किसानों की आय बढ़ने के बजाय 30% तक घट गई है। एसकेएम ने यह दावा संसद की एक स्थाई समिति की रिपोर्ट के आधार पर की है।
इन राज्यों में घटी किसानों की कमाई
देश में जिन चार राज्यों में किसानों की आमदनी ( Farmers Income ) कम हुई है उनमें झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा और नागालैंड का नाम शामिल हैं। झारखंड के किसानों की हर महीने की कमाई 2 हजार 173 रुपए कम हो गई है। नागालैंड के किसानों की आमदनी 1 हजार 551 रुपये कम हुई। मध्य प्रदेश के किसानों की आमदनी 1400 रुपए तो ओडिशा के किसानों की आमदनी 162 रुपए घटी है। संसदीय समिति ने सुझाव दिया है कि सरकार को एक स्पेशल टीम बनानी चाहिए जो इन राज्यों में किसानों की घटती आमदनी के कारणों का पता लगाए।
किसानों के खर्च में हुई बढ़ोतरी
ये बात सही है कि किसानों की आमदनी बढ़ी है। ये भी उतना ही सच है कि खर्च भी बढ़ गया है। पिछले साल नवंबर में सरकार ने बताया था कि हर महीने 10,218 रुपए कमाते हैं तो 4,226 रुपए खर्च हो जाते हैं। किसान हर महीने 2 हजार 959 रुपए बुआई और उत्पादन पर तो 1 हजार 267 रुपए पशुपालन पर खर्च करता है। यानी किसानों के पास हाथ में 6 हजार रुपए भी पूरे नहीं आतें। कम कमाई के चलते ही किसान कर्ज लेने को मजबूर हो जाता है।
जुलाई 2021 में वित्त मंत्रालय ने बताया था कि 31 मार्च 2021 तक किसानों पर 16.80 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज बकाया है। वित्त मंत्रालय ने ये भी साफ कर दिया था कि किसानों की कर्ज माफी करने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा गया है कि डीजल, पेट्रोल और उर्वरकों की कीमतों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के किसान विरोधी रवैए को बेनकाब कर दिया है। 4 राज्यों में किसानों की आय बढ़ने के बजाय 30 प्रतिशत तक घट गई है। इतना ही नहीं समिति की रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि विगत 3 साल में कृषि मंत्रालय मंजूर बजट खर्च करने में नाकाम रहा है और 67,929 रुपए केंद्र को लौटा दिए।