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GST काउंसिल की मीटिंग में बड़ा ऐलान, ब्लैक फंगस की दवा, कोविड से जुड़े सामानों पर नहीं देना होगा टैक्स
नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की 43वीं बैठक हुई. लगभग 7 महीने के अंतराल पर हुई इस बैठक में कोविड और ब्लैक फंगस की चुनौती को देखते हुए कई अहम फैसले लिए गए. बैठक में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री और केंद्र और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे. बैठक के बाद वित्त मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर काउंसिल के निर्णयों की जानकारी दी.
कोरोना काल में जीएसटी की ये मीटिंग पूरे सात महीने बाद हुई है. कोरोना के सेकेंड वेब को देखते हुए सरकार ने ये फैसला किया है कि कोरोना से जुड़ी चीजों पर राहत दी जाए.
Annual return filing has also been simplified. The Council has recommended amending the CGST Act to allow for self-certification of reconciliation statements, instead of getting it certified by Chartered Accountants: FM Nirmala Sitharaman after 43rd GST Council meet pic.twitter.com/nRtihZ2MA6
— ANI (@ANI) May 28, 2021
कोरोना मेडिसिन और इक्विपमेंट पर जीएसटी में कटौती को लेकर निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस मुद्दे पर गंभीर चर्चा हुई. कई मामले उठाए गए और उन मुद्दों पर चर्चा हुई. जीएसटी काउंसिल ने 31 अगस्त 2021 तक कोरोना इक्विपमेंट्स के इंपोर्ट पर जीएसटी छूट का फैसला किया है. COVID इक्विपमेंट्स पर जीएसटी में तात्कालिक छूट दी गई है. टैक्स में छूट को लेकर एक ग्रुप ऑफ मिनिस्ट्रीज का गठन किया गया है. 8 जून से पहले तक इस बात को लेकर आखिरी फैसला लिया जाएगा कि क्या किसी और इक्विपमेंट्स पर टैक्स में कटौती की जानी चाहिए. ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने Amphotericin B को जीएसटी से छूट की कैटिगरी में शामिल किया गया है.
स्मॉल टैक्सपेयर को भी बड़ी राहत
छोटे कारोबारियों और टैक्सपेयर के हितों को देखते हुए सरकार ने एमेन्सटी स्कीम के तहत राहत देते हुए लेट फीस को घटा दिया है.टैक्सपेयर्स को राहत की बात करें तो जिन टैक्सपेयर्स का टर्नओवर 2 करोड़ से कम है, उनके लिए वित्त वर्ष 2020-21 के लिए सालाना रिटर्न फाइलिंग को वैकल्पिक रखा जाएगा. वित्त वर्ष 2020-21 के लिए रिकंसिलेशन स्टेटमेंट केवल उन टैक्सपेयर्स को जमा करना होगा जिनका सालाना टर्नओवर 5 करोड़ से ज्यादा है.
Rs 4,500 crores were paid to two vaccine manufactures, as advance payment... The country is engaging with suppliers/manufacturers including Japanese, European Union for vaccines. In the coming months, supply will be more than what it is: FM Nirmala Sitharamam pic.twitter.com/MIZkbSFtoO
— ANI (@ANI) May 28, 2021
वैक्सीन के लिए 4500 करोड़ का अडवांस पेमेंट
कोरोना वैक्सिनेशन को लेकर निर्मला सीतारमण ने कहा कि दो वैक्सीन मैन्युफैक्चर (सीरम इंस्टिट्यूट और भारत बायोटेक) को 4500 करोड़ का पेमेंट किया गया है. वैक्सीन की उपलब्धता को लेकर सरकार जापान और यूरोपियन यूनियन के वैक्सीन मैन्युफैक्चरर्स के साथ भी संपर्क में है. आने वाले कुछ महीनों में वैक्सीन की पर्याप्त उपलब्धता होगी.
कंपेनसेशन में कमी पर होगी एक्सक्लूसिव बैठक
कोरोना कंपेनसेशन को लेकर निर्मला सीतारमण ने कहा कि 14 फीसदी के कंपेनसेशन प्रोटेक्टेड रेवेन्यू अरेंजमेंट की पांच साल की समय सीमा समाप्त हो रही रही है. जीएसटी को 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था. उस समय इसे पांच सालों के लिए लागू किया गया था. ऐसे में राज्यों को यह भरोसा दिया गया है कि कंपेनसेशन के मुद्दे पर जीएसटी काउंसिल की एक एक्सक्लूसिव बैठक होगी जिसमें केवल इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी.
कंपेनसेशन के लिए केंद्र लेगा 1.58 लाख करोड़ का कर्ज
GST compensation cess को लेकर पुराने फॉर्म्युला को अपनाने की बात की गई है. अनुमान है कि कंपेनसेशन में कमी को लेकर केंद्र सरकार को 1.58 लाख करोड़ रुपए का कर्ज अलग से लेना होगा. केंद्र कर्ज के पैसे से राज्यों के हिस्से की भरपाई करेगी.