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ज्ञानवापी मामला: कल से शुरू होगा सर्वे, डीएम ने किया ऐलान, सर्वे पर रोक लगाने से सु्प्रीम कोर्ट ने क्यों किया इनकार

सुजीत गुप्ता
13 May 2022 8:38 AM GMT
Gyanvapi mosque
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वाराण्सी की ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। शनिवार से शुरू होने वाले सर्वे पर तत्काल रोक लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। इसमें वाराणसी कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई है, जिसमें पूरे परिसर का सर्वे और वीडियोग्राफी के आदेश दिए गए हैं। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) एनवी रमना ने इस याचिका पर कहा है कि वे पहले फाइलें देखेंगे। फिर फैसला लेंगे। उन्होंने इस मामले से जुड़े दस्तावेज मांगे हैं।

सु्प्रीम कोर्ट के इनकार के बाद वाराणसी में इसकी तैयारी शुरू हो गई। सर्वे कल से ही शुरू होगा। इस दौरान शांति-व्‍यवस्‍था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने आज मुस्लिम पक्ष के लोगों के साथ मीटिंग की। मीटिंग के बाद डीएम कौशल राज शर्मा ने बताया कि कल से एडवोकेट कोर्ट कमिश्‍नर द्वारा कमीशन की कार्यवाही शुरू की जाएगी। उन्‍होंने बताया कि सर्वे को लेकर सभी पक्षों के साथ बात हुई है। सबसे शांति-व्‍यवस्‍था बनाए रखने की अपील की गई है।

वाराणसी में एडवोकेट कमिश्‍नर की कार्यवाही को पूरा करने के लिए शुक्रवार को जिला प्रशासन ने अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी को नोटिस जारी कर ज्ञानवापी परिसर में लगे सभी तालों की चाबियों की डिमांड की है ताकि कार्यवाही को सुचारु रूप से पूरा किया जा सके।

सिविल जज सीनि‍यर डिवीजन की कोर्ट ने दिया था ये आदेश

गुरुवार को ज्ञानवापी परिसर मामले में वाराणसी कोर्ट ने फैसला सुनाया था। कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया है कि तहखाने से लेकर परिसर के चप्पे-चप्पे का सर्वे किया जाए। जहां ताला लगा है, वहां खुलवाकर या तुड़वाकर वीडियोग्राफी और सर्वे कराया जाए। सर्वे का काम सुबह 8 से 12 बजे तक किया जाए। कोर्ट में इस मामले की अगली कार्रवाई 17 मई को रखी गई है। ऐसे में माना जा रहा है कि तब तक एडवोकेट कमिश्नर अपनी रिपोर्ट सौंप देंगे।

पिछले साल कोर्ट में दायर हुआ केस

राखी सिंह सहित पांच महिलाओं ने वाराणसी की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में अगस्त 2021 में एक मुकदमा दाखिल किया। अदालत से मांग की थी कि मां शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की अनुमति मिले। इसके साथ ही ज्ञानवापी परिसर स्थित अन्य देवी-देवताओं के सुरक्षा की भी बात अदालत के सामने उठाई गई। इस मसले पर आठ महीने तक सुनवाई और दलीलें चलतीं रहीं, अब अप्रैल से यह मामला निष्कर्ष की तरफ बढ़ा है।


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