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अनुदेशकों के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई, कोर्ट ने लगाई सरकार को फटकार
अनुदेशकों के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। 17000 केस को लेकर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रही थी। अनुदेशकों के वकील पीएस पटवलिया ने जबरदस्त बहस की और कोर्ट को यह बात मानने पर मजबूर कर दिया की, सच में अनुदेशकों के साथ गलत हो रहा है तभी कोर्ट ने सरकार के वकील को फटकार लगाते हुए कहा कि, आपको पैसा देने में कोई दिक्कत नहीं है, आप जब चाहेंगे केंद्र सरकार से पैसा ले लेंगे और इन अनुदेशकों को 17 हजार का भुगतान कर देंगे।
जानिए इस विषय पर एडवोकेट आरके सिंह ने क्या बताया
अनुदेशकों के वकील आरके सिंह ने बात करते हुए बताया कि, आज कोर्ट में अनुदेशकों की आंशिक जीत हुई है, क्योंकि आज कोर्ट ने यह बात मानी है कि राज्य सरकार अनुदेशकों के साथ गलत कर रही है। तभी उसने राज्य सरकार के स्टे ऑर्डर को खारिज करते हुए कहा कि, राज्य सरकार जब चाहे केंद्र सरकार से 17 हजार का ऑर्डर ले सकती है। राज्य सरकार के लिए यह कोई बड़ी बात नहीं है। कोर्ट ने फिर कहा की आगामी 7 नवंबर को हम इस विषय पर अपना अंतिम फैसला सुना देंगे।
जानिए क्या है पूरा मामला
उत्तर प्रदेश के 27 हजार अनुदेशकों का मानदेय 2017 में केंद्र सरकार ने बढ़ाकर 17000 रुपये कर दिया था और इसका प्रचार-प्रसार बकायदे देश के सभी अखबारों में और अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर प्रसारित कर किया। जिसको बाद में सरकार ने लागू नहीं किया। मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर अनुदेशकों ने हाईकोर्ट में रिट दाखिल की थी. 3 जुलाई 2019 को जस्टिस राजेश चौहान की सिंगल बेंच ने आदेश दिया कि इन अनुदेशकों को 2017 से 17000 मानदेय 9% व्याज के साथ दिया जाए। फिर इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने विशेष अपील दाखिल की। फिर 2022 में आए डबल बेंच के फैसले में कोर्ट ने कहा कि, सरकार अनुदेशकों का मानदेय 17000 केवल एक सत्र 2017-18 का दे। सरकार चाहे तो आगे भी 17 हजार दे सकती है। फिर इस फैसले के विरोध में भी सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई। जिसकी आज सुनवाई थी।
जानिए अनुदेशक प्रदेश अध्यक्ष विक्रम सिंह ने क्या कहा
इस विषय पर बात करते हुए अनुदेशक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम सिंह ने कहा कि, हम शोषित, पीड़ित, वंचित अनुदेशकों को अब सिर्फ सुप्रीम कोर्ट से ही न्याय की उम्मीद है। और हम पूरी तरह से आशान्वित हैं को अगले महीने 7 नवंबर को होने वाली सुनवाई में हम लोगों के पक्ष में फैसला आएगा और हमें हमारा 17 हजार मिलेगा।