
आखिर क्यों अपने मासूम की कातिल बनीं 'मां' - गोवा मर्डर केस की ये है पूरी कहानी, कैसे पुलिस की गिरफ्त में आई सूचना सेठ

एक कातिल मां के द्वारा अपने 4 वर्षीय बेटे की हत्या की खबर ने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया। दरअसल, गोवा के एक होटल में रुकी मां ने रूम के कमरे में अपने मासूम बेटे की हत्या कर दी और उसकी लाश को एक बैग में रखकर एक कैब बुक करती है और वो कैब में बैठकर एक लम्बे सफर पर निकल पड़ती है.
क्या है पूरी कहानी?
एक स्टार्ट-अप AI कंपनी की सीईओ सूचना सेठ द्वारा अपने चार साल के बच्चे की बेरहमी से हत्या कर दी. डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुए, गोवा के एक सर्विस अपार्टमेंट में बच्चे की हत्या कैसे की गई, इसकी चौंकाने वाली जानकारी दी है. डॉक्टरों का कहना है कि बच्चे की उसकी मां ने गला दबाकर हत्या की है. डॉक्टर ने कहा, लड़के के शरीर पर कोई संघर्ष के निशान नहीं थे.
पुलिस ने पूरे घटनाक्रम के बारे में बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) स्टार्ट-अप कंपनी मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सूचना सेठ को चित्रदुर्ग में उस समय गिरफ्तार किया गया, जब वह सूटकेस में अपने बच्चे का शव लेकर बेंगलुरु जा रही थीं। बेंगलुरु स्थित स्टार्ट-अप सीईओ को गोवा पुलिस के निर्देश पर गिरफ्तार किया गया था।
हिरियूर तालुक अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारी डॉ. कुमार नाइक ने कहा, 'उस बच्चे की गला घोंटकर या जिसे हम गला घोंटकर मारना कहते हैं, हत्या की गई, या तो कपड़े या तकिए का इस्तेमाल किया गया था बच्चे की मौत गला घोंटने से हुई।' डॉक्टर ने कहा कि बच्चे का हाथों से गला नहीं दबाया गया। उन्होंने कहा, "ऐसा नहीं लग रहा है कि बच्चे का हाथों से गला घोंटकर हत्या की गई है। ऐसा लग रहा है कि तकिये या किसी अन्य सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। बच्चे में रिगोर मोर्टिस ठीक हो गया था।"
39 साल की सूचना सेठ अपने चार साल के बेटे के साथ 6 जनवरी को बेंगलुरू से गोवा के लिए उड़ान भरती है. गोवा एयरपोर्ट पर उतने के बाद वो वहां से सीधे कैंडोलिम इलाके के मौजूद इसी सोल बनयान ग्रैंड होटल में चेक इन करती है. होटल के बुकिंग सूचना ने पहले से ही करा रखी थी. रिसेप्शन पर बाक़ायदा वो अपना आईडी कार्ड भी देती है. 6, 7 और 8 जनवरी को सूचना अपने बेटे के साथ गोवा के अलग-अलग इलाकों में घूमने जाती है. अब तक सबकुछ ठीक था.
लेकिन फिर तभी 8 जनवरी की रात करीब दस बजे सूचना होटल के रिसेप्शन पर फोन कर बेंगलुरु के लिए एक कैब बुक कराने को कहती है. होटल के ट्रैवल डेस्क को सूचना की ये बात बड़ी अजीब लगती है. ट्रैवल डेस्क पर मौजूद शख्स सूचना को मशवरा देता है कि कैब से बेंगलुरु जाने की बजाय फ्लाइट से जाना कहीं ज्यादा सस्ता पड़ेगा और वक्त भी बचेगा. लेकिन सूचना कैब से ही बेंगलुरु जाने की बात दोहराते हुए उसे उसके लिए उसी वक्त एक कैब बुक करने को कहती है. साथ ही ये भी कहती है कि पैसे की चिंता ना करे, जो भी किराया होगा, वो दे देंगी.
अब रात 8 जनवरी से 9 जनवरी में दाखिल हो चुकी थी. रात के करीब 1 बजे थे. एक इनोवा कार होटल पहुंच चुकी थी. सूचना रिसेप्शन पर पहुंच कर बिल चुकाती है और चेकआउट कर लेती है. चेकआउट करने के बाद एक बैग लिए अब वो होटल से बाहर निकलती है और बाहर खड़ी इनोवा कार में बैठ जाती है. कार अब गोवा से बेंगलुरु के लिए रवाना हो चुकी थी. लेकिन सूचना के जाने में एक अजीब बात थी. होटल वो अपने चार साल के बेटे के साथ आई थी, लेकिन चेकआउट के बाद जब वो होटल छोड़ रही थी, तब उसके पास सिर्फ एक बैग था. बेटा नहीं.
कमरे में खून देखकर घबरा गया होटल का स्टाफ गोवा से बेंगलुरु तक की दूरी 550 किलोमीटर से भी ज्यादा की है. सड़क के रास्ते इस सफर को पूरा करने में लगभग 10 घंटे लगते हैं. उधर, सूचना कार में बेंगलुरु की तरफ बढ़ रही थी. इधर, गोवा में नई सुबह ने दस्तक दे दी थी. सुबह होते ही होटल के स्टाफ ने तमाम कमरों के साथ-साथ सूचना के कमरे की भी सफाई करनी शुरू कर दी. तभी एक स्टाफ की नजर सूचना के कमरे में मौजूद खून के कुछ बूंदों पर पड़ी. खून देखते ही वो घबरा गया. उसने फौरन होटल मैनेजर को इसकी खबर दी. पुलिस ने खंगाली होटल की सीसीटीवी फुटेज मैनेजर ने फौरन कलिंगुट पुलिस स्टेशन को इसकी सूचना दी. तब घड़ी में सुबह के 8 बजे थे. सूचना मिलते ही पुलिस फौरन होटल के उस कमरे में पहुंचती है. खून के निशान देख कर उसे अंदाजा हो जाता है कि इस कमरे में कुछ हुआ है. अब पुलिस कमरे में ठहरे गेस्ट के बारे में पूछताछ करती है. तब पता चलता है कि ये कमरा रात एक बजे बेंगलुरु से सूचना सेठ नाम की एक महिला ने खाली किया था. गोवा पुलिस अब सूचना के बारे में होटल स्टाफ से पूरी जानकारी मांगती है. ना सिर्फ जानकारी मांगती है बल्कि होटल के सीसीटीवी फुटेज को भी खंगालती है.
और तभी पुलिस को सूचना के चार साल के अपने बच्चे के साथ बेंगलुरु से गोवा आने और रात 1 बजे कैब से बेंगलुरु वापस जाने के बारे में पता चलता है. पुलिस भी फ्लाइट की बजाय कैब से बेंगलुरु जाने के सूचना के फैसले को जानकर हैरान रह जाती है. पर उससे भी ज्यादा हैरान वो तब होती है, जब होटल के स्टाफ और सीसीटीवी कैमरे से ये पता चलता है कि वो आई तो एक बच्चे के साथ थी, लेकिन लौटी अकेली. अब सवाल ये था कि चार साल का वो बच्चा कहां गया? सवाल ये भी था कि कमरे में मौजूद खून के वो निशान किसके हैं?
पुलिस ने फौरन अपना दिमाग लगाया और होटल के ट्रैवल डेस्क से उस ट्रैवल एजेंसी का नंबर लिया, जिसने सूचना के लिए इनोवा कार भेजी थी. अब कार के ड्राइवर का नंबर गोवा पुलिस के पास था. गोवा पुलिस ने कार ड्राइवर को फोन मिलाया. फोन मिलाते ही उससे कहा कि वो कार में बैठी मैडम से उसकी बात कराए. मैडम यानी सूचना के लाइन पर आते ही पुलिस ने उससे पूछा कि क्या आपका बेटा कहां है? वो आपके साथ वापस क्यों नहीं गया? सूचना ने बेखौफ जवाब दिया कि वो गोवा में ही एक रिश्तेदार के पास है. कुछ दिन बाद लौटेगा. फर्जी निकला सूचना का पता उसने बाकायदा गोवा के अपने उस रिश्तेदार का पता भी पुलिस को दे दिया. गोवा पुलिस को लगा कि शायद वो गलत शक कर रही है. फिर भी पुलिस ने सूचना के दिए पते पर पुलिस की एक टीम भेजी. लेकिन वो पूरा इलाका छान मारने के बावजूद वो पता नहीं मिला, जिसका पता सूचना ने दिया था. यानी सूचना का दिया पता फर्जी था. अब गोवा पुलिस को लगा कि मामला गड़बड़ है.
लिहाज़ा तुरंत पुलिस ने दोबारा उस कैब ड्राइवर को फोन किया, जिसमें सूचना बैठी थी. पुलिस ने धीमे से ड्राइवर से कहा कि जैसे ही तुम्हें अपने करीब कोई पुलिस स्टेशन दिखाई दे, फौरन गाड़ी को वहीं ले जाना. और वापस फोन करना. तब कैब बेंगलुरु से 200 किलोमीटर पहले कर्नाटक के ही चित्रदुर्ग इलाके से गुजर रही थी. तभी ड्राइवर की नजर चित्रदुर्ग में ही मौजूद आईमंगला पुलिस स्टेशन पर पड़ी. उसने फौरन गाड़ी को पुलिस स्टेशन में घुसा दिया. बड़े बैग से निकली बच्चे की लाश इससे पहले कि सूचना कुछ समझ पाती, ड्राइवर ने गोवा पुलिस की बात आई मंगला पुलिस स्टेशन में मौजूद पुलिस वालों को बताई और फोन मिला कर गोवा पुलिस से उनकी बात करा दी.
गोवा पुलिस ने आईमंगला पुलिस को सारी बात बताते हुए सूचना और उसके सामान की तलाशी लेने की रिक्वेस्ट की. अब कर्नाटक पुलिस इनोवा कार में मौजूद उस बड़े बैग की तलाशी लेती है. जब बैग खोला जाता है, तो ऊपरी कपड़े के नीचे एक बच्चे की लाश मिलती है. सूचना को फौरन हिरासत में ले लिया जाता है. गोवा पुलिस को इसकी खबर दे दी जाती है. अब गोवा पुलिस की एक टीम आईमंगला पुलिस स्टेशन के लिए रवाना हो जाती है.
39 साल की सूचना सेठ की 2010 में मुलाकात बेंगलुरु में ही केरल के रहनेवाले वेंकटरमण से हुई. दोनों में प्यार हुआ, दोनों ने शादी कर ली. वेंकट भी एक अच्छे और पढ़े लिखे परिवार से है. शादी के बाद सबकुछ ठीक चल रहा था. शादी के 9 साल बाद यानी 2019 में दोनों को एक बेटा हुआ. तब भी सबकुछ ठीक था. लेकिन फिर 2020 में कोरोना आते ही मियां बीवी के रिश्ते में कड़वाहट आनी शुरू हो गई. दोनों में झगड़ा इस कदर बढ़ा कि दोनों अलग-अलग रहने लगे. पर बेटा मां के पास था. इस अलगाव के बावजूद वेकंटरमन अक्सर अपने बेटे से मिलने सूचना के पास आता था. लेकिन सूचना उसे बेटे से मिलने नहीं देती थी.
अलगाव का ये मामला अब अदालत तक पहुंच चुका था. दोनों ने तलाक की अर्जी डाल दी थी. दोनों ही बेटे की कस्टडी चाहते थे. वेंकटरमन ने कोर्ट में कई बार ये शिकायत की कि सूचना उसे उसके बेटे से मिलने नहीं देती. आखिरकार 2023 के खत्म होते होते बेंगलुरु की जिला कोर्ट ने दोनों के अलगाव पर अपना फैसला सुनाया. कानूनी तौर पर दोनों का तलाक हो गया. लेकिन इसके साथ ही अदालत ने एक और फैसला दिया. फैसला ये कि बेटा अपनी मां यानी सूचना के पास ही रहेगा. लेकिन वेंकटरमन महीने में चार बार हर संडे अपने बेटे से मिल सकता है. बस कोर्ट का यही फैसला सूचना को नागवार गुजरा. वो अपने पति से इस कदर नफरत करती थी कि उसके हिस्से खुशी का कोई पल आए, ये उसे बर्दाश्त नहीं था. और वेंकटरमन अपने बेटे से मिल कर हमेशा खुश हो जाता था. नफरत की आग में ममता को जला बैठी सूचना अब सूचना सेठ इसी उधेड़बुन में लग गई कि कैसे वो अपने पति की खुशियों को छीन ले. लेकिन इस खुशी के रास्ते में कोई और नहीं उसका अपना बेटा आ रहा था.
सूचना को अपने पति और खुशियों से इस कदर नफरत थी कि नफरत की आग में उसकी ममता तक को जला डाला. अब वो मौके की तलाश में थी. इत्तेफाक से नए साल ने उसे ये मौका भी दे दिया. संडे की मुलाकात के कोर्ट के आदेश के बाद पहली बार वेंकटरमन काम के सिलसिले में विदेश चला गया. यानी सात जनवरी को पड़ने वाले संडे को वो अपने बेटे से नहीं मिल सकता था. सूचना इस संडे को खोना नहीं चाहती थी. 8 जनवरी की रात किया बेटे का कत्ल लिहाजा वो शनिवार यानी छह जनवरी को ही बेंगलुरु छोड़ देती है. और गोवा पहुंच जाती है. अपने बेटे के साथ तीन दिन वो गोवा में रुकती है. पर मासूम बेटा सिर्फ चार साल का था. उसे मालूम नहीं था कि पति पत्नी का झगड़ा या तलाक क्या होता है. उसे मम्मी पापा दोनों चाहिए थे. लेकिन जब जब उसके मुंह से पापा निकलता, तब-तब पति के लिए सूचना की नफरत और गहरी हो जाती. और इसी नफरत की आग में उसने 8 जनवरी की रात आठ से दस बजे के दरम्यान अपने ही हाथों से अपनी ममता का गला घोंट डाला.