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कैसे बनाया आपको भी पीएम ने चौकीदार बनाकर बेवकूफ, और आप है मुस्करा रहे चौकीदार बनकर जानते हो क्यों?

Special Coverage News
18 March 2019 1:34 PM GMT
कैसे बनाया आपको भी पीएम ने चौकीदार बनाकर बेवकूफ, और आप है मुस्करा रहे चौकीदार बनकर जानते हो क्यों?
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पहली बार किसी देश में किसी प्रधानमंत्री ने इतना बड़ा बेवकूफ जनता को बनाया है. हम इस ख़ुशी से चौकीदार बनकर अपने को एक जंग जीता हुआ सिपाही मान रहे है. जबकि विपक्षी दल चौकीदार को चोर बता रहे है. अगर बात शहादत की करें तो किसी नेता ने यह नहीं कहा कि में भी सैनिक बनूँगा, आखिर क्यों?


देश में इस समय अधिकारी नहीं चौकीदार बनने की होड़ है. लोग अपने को देश का सबसे बड़ा चौकीदार साबित करने में तुले हुए है. लेकिन यह नहीं मालूम कि चौकीदार की जरूरत सिर्फ और सिर्फ देश में दस प्रतिशत रहीशों को है जिनके पास अनाप शनाप धन दौलत है. देश की अस्सी से नब्बे प्रतिशत आबादी को चौकीदार की जरूरत नहीं है. उसे रोजगार और व्यापार की जरूरत है. चौकीदार हमेशा से एक ऐसा नाम रहा है जो अपने ईमानदार होने पर हमेशा शक करवाता रहा है.


अंग्रेजी हुकूमत में गाँव का चौकीदार पुलिस और अधिकारियों से सम्बंधित काम कुछ पैसे टके लेकर निबटा देता था. वही चौकीदार अब कम्पनियों में और अन्य जगह गार्ड की लेते नजर आ रहे है जो कि चोरी होने पर सबसे पहले शक के दायरे में आते है. तो आप हमेशा याद रखिये जब इस नाम से ही इन शब्दों का मेल हो तो हमारे पीएम यह कहकर पुरे देश वासियों को रोजगार न देकर चौकीदार बनाने की उपलब्धि हासिल करना चाहते है.


क्या पीएम ने कभी यह लिखा कि में भी इस देश का सिपाही या सैनिक बनूंगा ताकि देश सुरक्षित रहे. नहीं लेकिन जैसे ही पीएम ने नारा दिया कि में भी चौकीदार हूँ तो सबने अपने आपको चौकीदार बना लिया है. अब देखना यह है कि यह खर्चीला चौकीदार देश को किस और ले जाता है यह सवाल बना हुआ है. विपक्ष बिलकुल बोनी हरकतों पर उतर आया है. विपक्ष खुद अपने विरोध में उलझा हुआ जबकि सतारूढ़ पार्टी का विरोध नहीं कर पा रहा है.


किसान युवा और महिलाओं को देश में प्रगतिशील प्रधानमंत्री की आवश्यकता है. जिससे आने वाली पीढियां कुछ कर सकें. देश में हालात ठीक होते नजर नहीं आ रहे है. जीडीपी भी गिर चुकी है लेकिन कोई भी अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है. जब देश का राजा अपनी गलती छुपाकर सब गलतियाँ जवाहर लाल नेहरु के उपर थोप देता हो तो आप कितने आगे जाओगे यह तो आने वाल समय बतायेगा. जब पीएम सरेआम मंच से देश को सत्तर साल से पिछड़ा बता रहे हो और उसके लिए कांग्रेस जिम्मेदार हो तो आपके पांच साल और अटल विहारी बाजपेयी जी के कार्यकाल और भी कई सरकारों के कार्यकाल के लिए कांग्रेस ही जिम्मेदार हो जाती है.


जनता इन बातों को सुनकर खूब तालियाँ बजाती है लेकिन कभी ध्यान से यह नहीं सुनती कि आपने जो वादे किये उनमें से कितने निभाए है और कितनों पर अमल किया है. किसान की हालत कितनी बेहतर हुई या बदतर हो गई, युवा को रोजगार मिला या बेरोजगारियों की संख्या में इजाफा हुआ. महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था कैसी है. बच्चों को शिक्षा की व्यवस्था कैसी है. बिजली पानी की कितनी किल्लत कम हुई. इन सब मामलों में विचार करने के बाद ही अपने वोट का इस्तेमाल करना वरना इसके बाद पांच साल तक फिर पछताओगे कि आखिर क्या किया? वोट उसको देना जो आपको विकास की और ले जाय. वोट उसको कतई मत देना जो आपको विनाश की और ले जाए.

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