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महज 7 साल की उम्र में नन्हे विराट ने पिछले साल अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ाई कर हर किसी को हैरान कर दिया था। इस साल गणतंत्र दिवस के मौके पर इस नन्हे विराट को बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। जी हां, हैदराबाद के 9 वर्षीय विराट चंद्रा को किलिमंजारो पर्वत पर चढ़ने के लिए खेल में प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसकी वजह से विराट एक बार फिर चर्चा में हैं।
बता दें कि कम उम्र में इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल करने वाले विराट चंद्रा ने बताया कि मैं हर दिन 6-7 किमी दौड़ता था। इसके साथ ही उठक-बैठक सूर्यनमस्कार और मेडिटेशन करता था। किलिमंजारो पर्वत पर चढ़ते समय चंद्रा ने अत्यधिक ठंड के मौसम, उंगलियों के दर्द, हाथ दर्द जैसी चुनौतियों का सामना किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वहां बहुत ठंड थी, लेकिन हमने शरीर में दर्द के बावजूद शिखर बिंदु पर ध्यान केंद्रित किया।
अपने अगामी योजना के बारे में बात करते हुए विराट ने बताया कि वो ऑस्ट्रेलियाई शिखर सम्मेलन में भाग लेने की योजना बना रहे है और सीमा प्रतिबंधों में ढील दिए जाने के बाद माउंट कोसियस्ज़को पर चढ़ेंगे।
उधर विराट के पिता शरथ का का कहना है कि जब विराट ने कहा कि वह पर्वतारोही बनना चाहता है, तो हम शुरू में डर गए थे, लेकिन एक अच्छे ट्रेनर की खोज के बाद और विराट के प्रशिक्षण के परिणामों को देखने के बाद, हमें विश्वास था कि विराट माउंटेनिंग कर सकते हैं।"
इसी के साथ विराट की मां माधवी ने कहा है कि जब वह बेस कैंप में लौटे तो मैं टूट गई। मैं उसके साथ शिखर पर जाना चाहताी थी, लेकिन सांस लेने में तकलीफ के कारण मुझे वहीं रहना पड़ा। यह मेरे लिए कठिन था, क्योंकि मैं हमेशा उसके साथ रही हूं। जब वो बेस कैंप पर लौटा तो उसका पहला शब्द यही था कि मां मैंने कर दिखाया। विराट की मां ने आगे कहा कि इतनी कम उम्र में पर्वतारोहण मुश्किल है और वह चाहती है कि सभी माता-पिता अपने बच्चों को उनके सपनों का पीछा करने दें।
बता दें कि पिछले साल विराट ने 19,341 फीट ऊंचे पहाड़ माउंट किलिमंजारो पर चढ़कर तिरंगा लहराया था। विराट साउथ अफ्रीका में सबसे ऊंचे पहाड़ पर चढ़ने वाले सबसे कम उम्र के पर्वातारोहियों में शामिल हैं।