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दिल्ली हिंसा पर लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह LIVE : पुलिस ने पूरी दिल्ली में हिंसा को फैलने से रोका
नई दिल्ली : लोकसभा, राज्यसभा में आज दिल्ली हिंसा पर चर्चा हो रही है। बीएसपी, एसपी, शिवसेना और कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने दिल्ली हिंसा को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। बीएसपी ने दिल्ली हिंसा के न्यायिक जांच की मांग की है। इस समय गृह मंत्री अमित शाह दिल्ली हिंसा पर संसद में जवाब दे रहे हैं।
LIVE UPDATE :
दिल्ली हिंसा पर बोले अमित शाह- इसे राजनीतिक रंग देने का प्रयास किया गया। मैं दिल्ली हिंसा में मारे गए लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। इसके अलावा जो लोग इस हिंसा में घायल हुए हैं उनके प्रति भी अपना दुख व्यक्त करता हूं और उनके स्वस्थ होने की कामना करता हूं। 25 फरवरी की रात के बाद दिल्ली में हिंसा की एक भी घटना नहीं हुई। होली पर माहौल शांतिपूर्ण बना रहे इसलिए होली के बाद सदन में चर्चा की बात कही थी।
विगत कुछ दिनों में जिस प्रकार से देश और दुनिया में इन दंगों को प्रस्तुत किया जा रहा है और आज भी इस सदन में जिस प्रकार से रखने का प्रयास हुआ है, मैं बड़े संयम के साथ इसको स्पष्ट करना चाहूंगा।
लेकिन जब दंगों की बात हो और पुलिस मैदान में जूझ रही हो और उसे जांच करके आगे भी इसके तथ्यों को कोर्ट के सामने रखना है तो उस समय हमें वास्तविकता को समझना चाहिए। विपक्ष की तरफ से सवाल किया जा रहा है कि पुलिस क्या कर रही थी जबकि उस दौरान पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद होकर अपना काम कर रही थी।
20 लाख लोगों की आबादी के बीच हो रहे दंगों को बाकी दिल्ली तक न फैलने देना दिल्ली पुलिस की कामयाबी रही। इस हादसे को दिल्ली की 13 प्रतिशत आबादी तक सीमित रखने का काम दिल्ली पुलिस ने किया। दिल्ली पुलिस ने 36 घंटों के भीतर ही हिंसा पर काबू पा लिया। यहां मैं साफ कर दूं कि मैं इन 36 घंटों के दौरान जो भी हुआ उसको अंडरमाइन करने की कोशिश नहीं कर रहा हूं।
मैं पूरे समय दिल्ली पुलिस के साथ था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ आगरा और डिनर पर भी मैं नहीं गया। अजीत डोभाल को मैंने ही दंगा प्रभावित इलाकों में भेजा। मैं इन जगहों पर इसलिए नहीं गया क्योंकि मेरे जाने से पुलिस मेरी सुरक्षा में लग जाती जबकि उस समय दिल्ली पुलिस का मुख्य काम दंगों को रोकना था।
दिल्ली हिंसा के मामले में अबतक 700 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। 2647 लोग गिरफ्तार किए गए या फिर हिरासत में लिए गए।
जिन इलाकों में हिंसा हुई उसकी सीमा यूपी से लगती है। करीब 300 लोग यूपी से दिल्ली में हिंसा करने के लिए आए जिससे साफ पता चलता है कि यह एक साजिश के तहत हुई। यूपी से जिन चेहरों की पहचान हुई है, उससे यह बात साबित भी होती है।
गृह मंत्री अमित शाह के जवाब के दौरान विपक्ष के सांसदों ने लोकसभा में हंगामा किया।
विपक्षी सांसदों के हंगामे पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा- जिस मुद्दे पर आप लोग चर्चा की मांग कर रहे थे, गृह मंत्री उस पर जवाब दे रहे हैं, ऐसे में इस तरह का व्यवहार ठीक नहीं है।
विपक्षी सांसदों के हंगामे के बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उन्हें समझाने की कोशिश की और कहा कि यह लोकसभा की पंरपरा के लिए ठीक नहीं है।
फिर अमित शाह ने बोलना शुरू किया - दोषियों को पकड़ने के लिए पुलिस की 40 टीमें बनाई गईं। हिंसा के दौरान इस्तेमाल होने करीब 50 हथियारों को भी जब्त किया गया। दिल्ली में हुई हिंसा पूरी तरह से सुनियोजित थी। इसकी जांच के लिए एसआईटी की दो टीमें बनाई गईं।
दिल्ली हिंसा से जुड़े हर पहलू की जांच जारी है। मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि इस हिंसा में शामिल किसी भी साजिशकर्ता को बख्शा नहीं जाएगा। मैं दिल्ली हिंसा पर बात करते हुए इसकी पृष्ठभूमि में जानना चाहूंगा। इस हिंसा के पीछे दिल्ली में चल रहे सीएए विरोधी प्रदर्शनों की भी भूमिका रही है।
मैंने पहले भी कहा है और आज फिर कह रहा हूं कि सीएए में मुस्लिम तो क्या किसी की भी नागरिकता लेने का कोई प्रावधान नहीं है, अगर सीएए में ऐसा कोई प्रावधान है तो मुझे दिखाइए। सीएए पर देश के अल्पसंख्यकों में भ्रम फैलाने का प्रयास किया जा रहा है जिसकी परिणाम में हिंसा जैसी चीजें सामने आती हैं।