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इमपार के संयोजक डॉ एम जे खान ने ईद उल फितर और जकात को लेकर मुस्लिम समुदाय से की बड़ी अपील
COVID 19 खतरे के मद्देनजर IMPAR ने ईद 2020 के लिए दिशा निर्देशों जारी किया है. ईद उल फितर में दस दिनों से भी कम बचा है, इसके लिए 11 बिंदुओ का दिशानिर्देश जारी करना चाहते हैं. इसके लिए सामाजिक उपायों को स्वीकार किया जाना चाहिए. IMPAR ने लोगों को सलाह दी है कि वे घर पर ईद की नमाज अदा करें, खरीदारी न करें, फालतू ईद के भोजन से बचें और पीड़ित लोगों को बचाए गए धन का दान करें, भले ही अन्य जाति और पंथ के लोग हों.
IMPAR के सयोंजक और केंद्रीय समिति के सदस्य डॉ एमजे खान ने कहा कि IMPAR ने मुस्लिम समुदाय के गरीबों और ज़रूरतमंदों और उन फंसे हुए लोगों की तलाश कर उनकी मदद करने की सलाह दी है और जिन्हें भोजन, दवा या किसी अन्य सहायता की आवश्यकता है.उनको ज़कात खर्च के लिए पहली प्राथमिकता में इन लोगों को रखना चाहिए. जिन्हें रमज़ान के महीने के दौरान जकात का भुगतान किया जाता है. जो 2.5% संपत्ति और आय समेत सभी साधनों से प्राप्त आय में से निकालना सभी मुसलमानों के लिए अनिवार्य है.
डॉ एमजे खान ने कहा कि ये दिशा निर्देश ईद के आसपास सामाजिक जीवन के लगभग सभी क्षेत्रों को कवर करते हैं. इसके अलावा, ईद पर कुछ लोगों के स्कूल की फीस का भुगतान करने, किसी के किराए का भुगतान करने, परिवार को खिलाने, किसी को फिर से व्यवसाय शुरू करने में मदद करने जैसी चीजों के लिए मूल्य रखने आदि को प्रभावित करने के लिए ज़कात फंड के संग्रह और वितरण की सुविधा के लिए IMPAR ने एक ऑनलाइन प्रणाली भी शुरू की है. COVID 19 के दौरान दाताओं तक पहुंचने में असमर्थ हैं, इसलिए इस ऑनलाइन प्रणाली को शुरू की गई है.
दिशानिर्देशों के बारे में बात करते हुए, IMPAR केंद्रीय समिति के सदस्य और जाने-माने उद्योगपति सईद शेरवानी ने कहा कि हमें इस ईद पर खर्च करने वाले सभी फालतू खर्चों को दूर करना चाहिए और संकट की इस स्थिति में जरूरतमंदों की मदद करने के लिए उस पैसे का उपयोग करना चाहिए, यह काम करना ही जकात अदा करने का सार है.
अब तक अंग्रेजी, उर्दू, हिंदी, बंगला, तमिल और मलयालम भाषाओं में दिशानिर्देश जारी किए गए हैं. इन दिशानिर्देशों को IMPAR मस्जिद-मदरसा सुधार समूह और अन्य विख्यात इस्लामिक विद्वानों, जैसे कि डॉ ज़फ़र महमूद, भारत के ज़कात फाउंडेशन के अध्यक्ष, की मदद से तैयार किया गया है. इससे पहले IMPAR ने 14 पॉइंट रमज़ान के दिशानिर्देशों को तैयार और जारी किया था, जिनका पालन समुदाय के सदस्यों ने देश के बाहर भी किया और उसकी व्यापक रूप से सराहना की गई.