IMPAR ने जामा मस्जिद को नमाज के लिए बंद रखने के शाही इमाम के फैसले का किया स्वागत
IMPAR शाही जामा मस्जिद को 30 जून 2020 तक बंद रखने के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी के फैसले का स्वागत करता है. नमाज के लिए मस्जिद को बंद करने का ऐतिहासिक फैसला दिल्ली में कोविद -19 उछाल द्वारा बनाई गई महत्वपूर्ण परिस्थितियों को देखते हुए लिया गया है. यह निर्णय विभिन्न इस्लामिक विद्वानों और सार्वजनिक बुद्धिजीवियों के परामर्श के बाद लिया गया था.
शाही इमाम ने महामारी के दौरान जीवन बचाने पर प्राथमिकता दी और स्पष्ट रूप से कहा कि मस्जिद को बंद करने का निर्णय शरीयत से नहीं जुड़ा है. कुछ चुनिंदा लोग मस्जिद में रोजाना पांच बार नमाज अदा करेंगे, जबकि अन्य नमाजियों के लिए मस्जिद बंद रहेगी. मंगलवार रात को सफदर जंग अस्पताल में कोविद 19 संक्रमण के कारण शाही इमाम के सचिव अमानुल्लाह खान की मौत भी हो गई.
उन्होंने अन्य छोटी मस्जिदों से भी सावधानीपूर्वक निर्णय लेने की अपील की कि क्या खोला जाए या नहीं. IMPAR इस संबंध में शाही इमाम सईद अहमद बुखारी द्वारा दिखाए गए दूर-दृष्टि और ज्ञान की सराहना करता है. IMPAR ने COVID मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मुस्लिम धर्मगुरुओं से इसी तरह का आह्वान करने का आग्रह किया.
IMPAR मुस्लिम समुदाय से अपील करता है कि कोरोना वायरस बीमारी के प्रसार को रोकने में मदद करे. IMPAR ने उनसे अपील की कि वे घर से तब तक प्रार्थना करें जब तक कि स्थिति में सुधार नहीं हो जाता है.
कुरान 5:32 में मुसलमानों को बताया गया है कि अगर किसी ने किसी की जान बचाई तो ऐसा होगा जैसे उसने पूरी मानवता की जान बचाई हो।
अरशी जाविद