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Jama Masjid Shahi Imam: सैयद शाबान बुखारी बने जामा मस्जिद के 14वें इमाम, अहमद बुखारी ने की दस्तारबंदी

Special Coverage Desk Editor
26 Feb 2024 11:44 AM IST
Jama Masjid Shahi Imam: सैयद शाबान बुखारी बने जामा मस्जिद के 14वें इमाम, अहमद बुखारी ने की दस्तारबंदी
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Delhi Jama Masjid New Shahi Imam:दिल्ली की जामा मस्जिद को नया शाही इमाम मिला है. शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने अपने बेटे सैयद शाबान बुखारी को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया. रविवार को मस्जिद में आयोजित दस्तारबंदी समारोह में अगले इमाम के तौर पर सैयद शाबान बुखारी के सिर पर पगड़ी बांधी गई.

Jama Masjid Shahi Imam: Delhi Jama Masjid New Shahi Imam: जामा मस्जिद के शाही इमाम ने 'शब-ए-बारात' समारोह में बेटे को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है. दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने रविवार को मस्जिद में आयोजित दस्तारबंदी समारोह में अपने बेटे सैयद शाबान बुखारी को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया. इस समारोह में प्रार्थना के बाद अगले इमाम सैयद शाबान बुखारी के सिर पर दस्तारबंदी के तहत पगड़ी बांधा गया.

शाबान बुखारी का पूरा नाम सैयद उसामा शाबान बुखारी है. वह जामा मस्जिद के 14वें इमाम के रूप में अपने पिता की जगह ली है. इससे पहले वो नायब इमाम थे. इस मौके पर सैयद अहमद बुखारी ने कहा कि यह इबादत की रात है. यह गुनाहों से माफी की रात है. सभी को खामोशी से इबादत करनी चाहिए और बाद में सभी को अपने-अपने घर चले जाना चाहिए.

देश भर के मुसलमानों ने रविवार को 'शब-ए-बारात' मनाया, जिसे 'माफी की रात' भी कहा जाता है, यह एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो रविवार को इस्लामी कैलेंडर के आठवें महीने शाबान की 14वीं और 15वीं रात को मनाया जाता है. जामा मजिस्द के अलावा दिल्ली के निजामुद्दीन दरगाह में शब-ए-बारात मनाया गया. मुस्लिम समाज से बड़ी संख्या में लोग दरगाह में खुदा का इबारत किया. शब-ए-बारात समारोह के मद्देनजर दिल्ली में कानून-व्यवस्था काफी चौकस है.

अलग-अलग हिस्सों में शब-ए-बारात की धूम

वहीं देश के अलग-अलग हिस्सों में शब-ए-बारात की धूम देखने को मिली. श्रीनगर की हजरतबल दरगाह को रोशनी से सजाया गया और बड़ी संख्या में लोगों ने इबारत की. वहीं उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में लोगों ने शब-ए-बारात में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. 'शब' शब्द फारसी मूल का है जिसका अर्थ है रात, जबकि बारात एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ मोक्ष और क्षमा है. शब-ए-बारात की रात में दुनिया भर के मुसलमान अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं.

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