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पत्रकार विनोद दुआ को सुप्रीमकोर्ट से मिली राहत, नहीं होगी 6 जुलाई तक गिरफ्तारी
सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को हुई विशेष सुनवाई में शिमला पुलिस द्वारा पत्रकार विनोद दुआ को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 160 के तहत जारी किए गए निर्देश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. साथ ही जांच पर रोक लगाने से इनकार करते हुए पीठ ने कहा कि जांच अधिकारी (एचपी पुलिस) दुआ से कानून के अनुसार उनसे पूछताछ करने से 24 घंटे पूर्व दुआ को सूचना देंगे. कोर्ट ने राज्य सरकार से जांच की स्थिति रिपोर्ट भी मांगी है.
पत्रकार विनोद दुआ को राहत देते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को एक विशेष सुनवाई में आदेश दिया कि उन्हें 6 जुलाई तक गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए.
जस्टिस यू यू ललित और जस्टिस मोहन एम शांतनगौदर की एक पीठ ने केंद्र, हिमाचल प्रदेश सरकार और राज्य पुलिस को नोटिस जारी किया है. इस मामले की अगली सुनवाई जुलाई में होगी. पत्रकार विनोद दुआ को शिमला पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी के नेता अजय श्याम द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए राजद्रोह के आरोप में तलब किया था. पीठ ने दुआ की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह की ओर से की गई दलीलों के बावजूद दुआ के खिलाफ जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. विकास सिंह ने कहा कि एफआईआर सरकार के प्रति अनुचित विचारों को प्रसारित करने के लिए एक 'उत्पीड़न' है.
उन्होंने कहा, ' विनोद दुआ ने जो कहा यदि वह देशद्रोह है, तो देश में केवल दो चैनल ही काम कर सकते हैं.' जब सिंह ने कहा कि शिकायत दर्ज करने वाले भाजपा नेता सत्तारूढ़ पार्टी के हाथों की कठपुतली हैं तो इस पर पीठ ने उन्हें टोका कि 'ऐसे विशेषणों का उपयोग न करें, नहीं इसकी आवश्यकता है.
बता दें कि विनोद दुआ पर शिमला, हिमाचल में ताज़ा एफआई दर्ज हुई है. शिमला पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी के नेता अजय श्याम द्वारा विनोद दुआ के खिलाफ लगाए गए राजद्रोह के आरोप में उन्हें तलब किया था. फरवरी में दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा पर अपने यूट्यूब शो के माध्यम से फर्जी खबर फैलाने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा दुआ के खिलाफ दायर प्राथमिकी पर रोक लगाने के दो दिन बाद समन आया है. शिमला में दर्ज एफआईआर भी शो से संबंधित है. दुआ ने याचिका में पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से पहले दिशानिर्देशों को तैयार करने की भी मांग की थी.
शिकायतकर्ता अजय श्याम के मुताबिक़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मौत और आतंकी हमलों का इस्तेमाल वोटबैंक की राजनीति के लिए करने के आरोप लगाए गए है. श्याम ने दावा किया कि दुआ ने 'फेक न्यूज़' फैलाकर सरकार और प्रधानमंत्री के खिलाफ हिंसा भड़काने और जनता को बरगलाने का काम किया है. जो सीधा सीधा देशद्रोह है.