करुणानिधि के अंतिम संस्कार में इस युवक पर थीं सबकी निगाहें
नई दिल्ली
करुणानिधि के जाने से वैसे तो लाखों पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों को कष्ट हुआ लेकिन नित्या के लिए जैसे उसका बच्चा, जो उसका नेता और बॉस भी था चला गया.
दिग्गज नेता करुणानिधि के अंतिम संस्कार में सफेद शर्ट वाले युवक को देख कर बहुत से लोग समझ नहीं पा रहे थे कि वो कौन है. युवक कभी परिवार वालों से बातें कर रहा था तो कभी केंद्र और राज्य के मंत्रियों से. मरीना में वो करुणानिधि के पार्थिव शरीर के पास गया वहां से थोड़ी सी रेत उनकी समाधि में डाली और कुछ सेकेंड तक चुपचाप उनको निहारता रहा.
राजनीतिक विचारधारा से हट कर लाखों कार्यकर्ता और समर्थक करुणानिधि को पसंद करते थे. लेकिन एक युवक ने किसी मां की तरह करुणानिधि की देखभाल की. उसका नाम नित्यानंद है. लोग उसे नित्या के नाम से पुकारते हैं. जब से वे ह्वीलचेयर पर गए यही युवक उनकी देखभाल करता रहा.
शुरू में नित्या डीएमके मुख्यालय में काम करता था. करुणानिधि में सही आदमी को सही जगह लगाने का गुण था. नित्या के कठिन परिश्रम को देख उन्होंने उसे अपने साथ रख लिया. नित्या अपने घर भी नहीं जाता था, क्योंकि उसका कोई नहीं था.
उसने शादी ब्याह भी नहीं किया. सरकारी नौकरी से भी मना कर दिया. महज इसलिए कि वो अपने पसंदीदा नेता करुणानिधि के साथ रह सके. 2008 में पीठ के ऑपरेशन के बाद वो करुणानिधि के घर में ही रहने लगा.
एक वक्त में तो वही करुणानिधि के लिए सबकुछ हो गया. तमिल हिंदू अखबार में एक इंटरव्यू में उसने कहा कि आपने उनकी तरह एक्टिव आदमी नहीं देखा होगा. वे नहाते हुए बाथरूम से ही चिल्लाते थे, नित्या फला किताब खोज कर निकालो.
एक वक्त ऐसा भी माना जाने लगा कि पूर्व मंत्री या रिश्तेदार और यहां तक कि परिवार के लोग भी नित्या की सहमति के बगैर करुणानिधि से नहीं मिल सकते.
करुणानिधि खुद कई बार कह चुके हैं कि नित्या ही मेरा सच्चा साथी है. जब करुणानिधि अस्पताल में भर्ती हुए तो नित्या रोते हुए डॉक्टरों से कह रहा था कि वे उन्हें बचा ले ताकि वो 30 साल और उनकी सेवा कर सके.
करुणानिधि के जाने से वैसे तो लाखों पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों को कष्ट हुआ लेकिन नित्या के लिए जैसे उसका बच्चा, जो उसका नेता और बॉस भी था चला गया.
Anamika goel
Never Give Up..