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अभी कुछ दिनों पहले ही आयकर विभाग ने समाजवादी पार्टी के एमएलसी और इत्र कारोबारी पुष्पराज जैन उर्फ पम्पी जैन के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। अब आईटी विभाग ने एक प्रेस रिलीज जारी कर बताया है कि इस छापेमारी में क्या-क्या मिला है। बता दें कि आयकर विभाग की तरफ से बताया गया है कि 31 दिसंबर को इत्र के कारोबार और रियल स्टेट कारोबार से जुड़े 2 ग्रुपों के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की गई थी|
साथ ही आईटी विभाग की ओर से बताया गया है कि उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु और गुजरात में करीब 40 ठिकानों पर छापेमारी की गई है। इस छापेमारी के दौरान यह पता चला है कि यह ग्रुप कर चोरी में शामिल था। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस छापेमारी में विभाग को जो सबूत मिले हैं उससे पता चलता है कि सेल्स ऑफिस और मेन ऑफिस में ग्रुप ने 35 फीसदी से लेकर 40 फीसदी तक का काम कैश से किया और वो भी कच्चे बिल के जरिए। विभाग ने बताया कि करीब 5 करोड़ की लेनदेन से संबंधित कोई कागजात नहीं मिली है। इन पैसों का जिक्र अकाउंट से संबंधित रेगुलर बुक में नहीं था।
आईटी विभाग को छापेमारी के दौरान जो सबूत मिले है, उन सबूतों से पता चला है कि इन अचल संपत्तियों का इस्तेमाल मुंबई में रियल स्टेट प्रोजेक्ट में किया गया। इसके अलावा भारत और यूएई में संपत्तियां अधिग्रहित की गई हैं। यह भी पता चला है कि इस ग्रुप ने 10 करोड़ के टैक्स की हेराफेरी की है। साथ ही बताया गया कि इस ग्रुप ने 45 करोड़ के आय के बारे में भी सही-सही नहीं बताया है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि कुछ हिस्सेदारों के पास यूएई में आलीशान मकान होने का भी पता चला है। छापेमारी में पता चला है कि कंपनी से जुड़ी संस्थाओं ने अपनी आय के बारे में सही-सही ब्यौरा नहीं दिया है।
जिससे यह कि ग्रुप से जुड़े यूएई-आधारित एक हिस्सेदार ने 16 करोड़ रुपए से ज्यादा की पूंजी एक भारतीय हिस्सेदार से शेयर किया है। कई अनियमित्ताओं के अलावा यह भी पता चला है कि उत्तर प्रदेश आधारित इस ग्रुप ने सबूतों से छेड़छाड़ की है। अभी तक 9 करोड़ से ज्यादा रुपए और 2 करोड़ रुपए से ज्यादा कि ज्वैलरी को भी सीज किया गया है। कई बैंक लॉकरों का भी पता चला है। 10 करोड़ रुपए की कैश ट्रांजेक्शन का पता चला है जिसका कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं है। इन पैसों को सीज किया गया है।