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पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि पर ऐसे दी जायेगी श्रध्दांजलि जानिए

Sujeet Kumar Gupta
5 Aug 2019 6:49 AM GMT
पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि पर ऐसे दी जायेगी श्रध्दांजलि जानिए
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अटल बिहारी वाजपेयी दिल्ली के AIIMS में 93 वर्ष की उम्र में 16 अगस्त 2018 को निधन हो गया था।

नई दिल्ली। अटल बिहारी वाजपेयी की 16 अगस्त को पहली पुण्यतिथि है। भाजपा ने वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि पर उन्हें श्रध्दांजलि अर्पित करने का निर्णय लिया है। ये निर्णय भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा लिया गया है, जिसे कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा को बताया गया है। पार्टी के आला नेता चाहते हैं कि भाजपा द्वारा अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि को इस तरह यादगार बनाया जाए जिससे भाजपा परिवार का हर सदस्य उन्हें याद रखे।

बतादें कि कॉफी दिनों से बीमार चल रहे थे और वो दिल्ली के AIIMS में 93 वर्ष की उम्र में 16 अगस्त 2018 को निधन हो गया। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी दूरगामी सोच, कविताओं, पोखरण टेस्ट, कारगिल में भारत को मिली जीत और अंतर्राष्टीय स्तर पर भारत का कद बढाने के लिये हमेशा याद किया जायेगा। वे देश के लिये पिता तुल्य थे जिनमें न सिर्फ पार्टी को बल्कि बिपक्ष को साथ लेकर चलने की अद्भुत क्षमता थी।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि इसके लिए हर सभी नेताओं, पदाधिकारियों और राज्य इकाई से बात करेंगे कि वाजपेयी को हर जिले में श्रध्दांजलि दी जाए। नेताओं को ये सुनिश्चित करना होगा कि सभी ये जान सकें कि वे किस कद के नेता को श्रध्दांजलि दे रहे हैं। इसके साथ ही पार्टी द्वारा इस बार स्वतंत्रता दिवस को भी सेलिब्रेट करने का निर्णय लिया गया है। ये तय किया गया है कि नेताओं को कहा जाएगा कि उनकी विधानसभा में तिरंगा फहराने के बजाय शहीदों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया जाएगा।

अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर पीएम मोदी ने क्या कहा था जानें

पीएम मोदी ने कहा, 'वाजपेयी के निधन से एक युग का अंत हो गया. उनका निधन संपूर्ण राष्ट्र के लिए अपूर्णीय क्षति है. मेरे लिए तो वाजपेयी का जाना पिता तुल्य संरक्षण का साया सिर से उठने जैसा है. उन्होंने मुझे संगठन और शासन दोनों का महत्व समझाया. दोनों में काम करने की शक्ति और सहारा दिया. वो जब भी मिलते थे, तो पिता की तरह खुश होकर....आत्मीयता के साथ गले लगाते थे.'

पीएम ने कहा, 'मेरे लिए वाजपेयी का जाना ऐसी कमी है, जो कभी भर नहीं पाएगी. वाजपेयी ने अपने कुशल नेतृत्व और अविरल संघर्ष के द्वारा जनसंघ से लेकर भाजपा तक इन संगठनों को मजबूती के साथ खड़ा किया. उन्होंने भाजपा के विचारों और नीतियों को देश में जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया. उन्हीं के दृढ़ निश्चय का परिणाम है कि भाजपा की यात्रा यहां तक पहुंची है।

पीएम मोदी ने कहा, 'वाजपेयी हमें छोड़कर भले ही चिर निद्रा में लीन हो गए हैं, लेकिन उनका जीवन, उनकी सदगी और उनका दर्शन हम समस्त भारतवासियों के लिए हमेशा प्रेरणा देता रहेगा. उनका ओजस्वी और तेजस्वी व्यक्तित्व सदा हम देशवासियों का मार्गदर्शन करता रहेगा. अपार शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदना, उनके परिवार और समस्त देशवासियों के साथ है. इस दुख की घड़ी में मैं वाजपेयी के चरणों में आदरपूर्वक अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.'


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