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भाड़ में गया नुक़सान और जो भी ये GDP-VDP - कुमार विश्वास
देश में कोरोना की मार से मचे हाहाकार में लोग देश की आर्थिक प्रगति को लेकर बात कर रहे है, इसी कड़ी में हिंदी के जाने माने कवि डॉ कुमार विश्वास ने इस बात का खुलकर विरोध किया है. उन्होंने कहा है कि लोग बचेंगे तभी सब आवश्यकता होगी वरना भाड़ में गया नुक़सान और जो भी ये GDP-VDP है.
डॉ कुमार विश्वास ने एक न्यूज चैनल की खबर को कोट करते हुए कहा किभाड़ में गया नुक़सान और जो भी ये GDP-VDP है. अरे लोग बचेंगे,हौसला बचेगा,आशा बचेगी तो नुक़सान-फ़ायदा दोबारा देख लेंगे पर लोग तो बचें. कोई तो आगे आकर सँभाले बेसहारा अनुभव कर रहे लोगों को।औक़ात दिखा दी इस आपदा ने रहनुमाओं की,व्यवस्था की और हमारी भौतिक तरक़्क़ी की।अजीब सी बेबसी है.
खबर में लिखा है कि देशभर में लॉकडाउन से जीडीपी में दो फीसद तक नुकसान की आशंका व्यक्त की जा रही है. कुमार विश्वास के मुतबिक जब हम बचेंगे तभी तो जीडीपी को देख पायेंगे वरना क्या होगा इस जीडीपी का. कोरोना के बढ़ते कहर के बीच देश के विभिन्न राज्यों में लॉकडाउन की शुरुआत हो चुकी है. राजधानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश समेत कईराज्य रात्रि कर्फ्यू, शनिवार-रविवार के लॉकडाउन, बाजारों पर पाबंदी आदि कदम उठाए जा रहे हैं.
इस बीच आर्थिक गतिविधियों के प्रभावित होने के कारण होने वाले नुक्सान के अनुमान भी सामने आने लगे हैं. वॉल स्ट्रीट की ब्रोकरेज कंपनी बैंक ऑफ अमेरिका (बोफा) सिक्योरिटीज के ताजा अनुमान के मुताबिक, एक माह के राष्ट्रीय स्तर के लॉकडाउन से जीडीपी के एक से दो प्रतिशत का नुकसान होगा. साथ ही कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी की वजह से बीते वित्त वर्ष 2020-21 की मार्च की चौथी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की अनुमानित तीन प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल होना मुश्किल है. बोफा ने कहा कि महामारी के मामले बढ़ने से अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार की राह में जोखिम है.
बोफा की रिपोर्ट के मुताबिक, आर्थिक विकास दर अभी सुस्त है और महत्वपूर्ण आर्थिक संकेतकों में गिरावट आई है. कर्ज की मांग काफी कमजोर है. संक्रमण के बढ़ते मामलों की वजह से वृद्धि के मोर्चे पर चिंता बढ़ी है. सात कारकों पर आधारित बोफा इंडिया का गतिविधि संकेतक फरवरी में घटकर एक प्रतिशत पर आ गया है. जनवरी यह 1.3 प्रतिशत था. फरवरी में भारत के गतिविधि सूचकांक के सात में चार कारक इससे पिछले महीने की तुलना में सुस्त पड़े हैं.
इन बातों के बाद ही कुमार विश्वास ने अपना हमला बोला , डॉ कुमार विश्वास की नाराजगी अपनी जगह ठीक है. जब हम कोरोना को रोक नहीं पा रहे है तो अनावश्यक क्यों बात कर रहे है. उनका मानना है कि देश में समय कठिन से कठिन निर्णय लेने की आवश्यकता है.